Panchkula Family Suicide | कर्ज, डिप्रेशन और मौत की पूरी कहानी

26 May को पंचकूला के सेक्टर 27 में एक कार में 1 परिवार के 7 लोगों ने की सुसाइड।

प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना, माता-पिता और तीन बच्चे शामिल थे — सभी ने ज़हर खा लिया था।

जब पड़ोसियों ने कार में देखा तो एक सदस्य उल्टी कर रहा था, उसने कहा 'हम कर्ज में डूबे हैं'।

पुलिस को मिला सुसाइड नोट — 'मैं दिवालिया हो चुका हूं, इसके लिए कोई और ज़िम्मेदार नहीं'।

प्रवीण मित्तल की फैक्ट्री पर बैंक ने कब्जा कर लिया था — लगातार आर्थिक नुकसान के कारण तनाव में थे।

पंचकूला से देहरादून शिफ्ट हुए थे — वहां भी टूर एंड ट्रेवल एजेंसी में बहुत नुकसान हुआ।

घटना के समय पूरा परिवार कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनकर लौटा था!

यह घटना बताती है कि डिप्रेशन और आर्थिक तंगी एक पूरा परिवार खत्म कर सकती है।

इससे पहले झारखंड के कृष्ण कुमार और उनका परिवार भी 24 May को डिप्रेशन में जान दे चुका है।

कृष्ण कुमार को 8 May को कैंसर होने की जानकारी मिली थी — उसी दिन से परिवार डिप्रेशन में चला गया।

इन घटनाओं से एक मैसेज साफ़ है – financial या medical संकट में खुलकर बात करें।