Breaking News: भारत ही नहीं, जब किसी भी देश का student विदेश जाता (Indian Student) है, तो सिर्फ वो नहीं जाता—उसके साथ उसके सपने, उसकी मेहनत और पूरे देश की उम्मीदें भी जाती हैं। लेकिन जब उसी student के साथ दूसरे मुल्क में अपराधी जैसा सलूक हो, तो सवाल उठते हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक भारतीय छात्र को ज़मीन पर घुटनों के बल झुकाकर pin-down किया गया। आइये जानते हैं कि असलियत में क्या हुआ था और इसके बाद भारत सरकार ने इस पर क्या कदम उठाया है? सवाल यह भी है कि क्यों भारत सरकार अब भी इतनी कमजोर है, कि उसके स्टूडेंट्स के साथ अमेरिका में ऐसा बर्ताव किया जाता है। कमजोर होना गलत नहीं, ढींगे हांकना गलत है, कम से कम अब तो Indian government को समझ जाना चाहिए। (Click Here to Watch the Video)
क्या था पूरा मामला?
8 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसे Indian-origin businessman कुणाल जैन ने ट्विटर (अब X) पर शेयर किया। उन्होंने लिखा—”एक भारतीय छात्र को इस तरह रोते हुए देखा जैसे वो कोई अपराधी हो। Being an NRI, I felt helpless and broken.” वीडियो में दिख रहा था कि एक युवक को कई officers ने घेर रखा है। उसे ज़मीन पर लिटाकर जैसे किसी आतंकी को पकड़ा जाता है, वैसे pin-down किया गया।
कौन था यह स्टूडेंट और क्या किया?
सबसे बड़ी बात यह थी कि इस स्टूडेंट ने कोई अपराध नहीं किया था, लेकिन फिर भी अमेरिका पहुंचते ही यह हालत हो गयी। दरअसल, वो अमेरिका अपने student visa पर पहुंचा था, लेकिन immigration authorities को अपने आने का clear reason नहीं समझा पाया। बस इसी communication gap की सज़ा उसे मिली, जैसे वो कोई mental patient हो। वीडियो में वो हरियाणवी में कहता सुनाई देता है: “मैं पागल नहीं हूं… ये लोग मुझे पागल बना रहे हैं।”
हर दिन होते हैं ऐसे 3-4 केस?
कुणाल जैन ने अपने पोस्ट में shocking claim किया कि रोज़ 3-4 ऐसे मामले देखने को मिलते हैं। Students सुबह आते हैं और अगर immigration officers को proper documents या answers नहीं मिलते, तो उन्हें हाथ-पैर बांधकर वापस भेजा जाता है— और वो भी बिलकुल criminal बर्ताव किया जाता है।
Indian Consulate का जवाब?
काउंसलेट जनरल ऑफ इंडिया, न्यूयॉर्क ने 9 जून को ट्वीट किया “हमें सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए इस घटना की जानकारी मिली है। हम local authorities से संपर्क में हैं और नागरिकों के हित में काम कर रहे हैं।” लेकिन शब्दों का चुनाव इतना हल्का था कि गुस्सा आना स्वाभाविक है। “दिक्कतों का सामना करना पड़ा”—क्या इसे “दिक्कत” कहा जाए?
यह कोई पहली घटना नहीं। हाल के सालों में international students—especially from India—को लेकर कई immigration policies सख्त हुई हैं। ट्रंप सरकार के समय से लेकर अब तक अमेरिका में foreign students को कई challenges face करने पड़ते हैं।
140 करोड़ भारतीयों में से कोई भी अगर यह वीडियो देखे तो गुस्सा और दुख आना लाज़मी है। ये वही देश है जो अपने tech industry में भारतीयों पर निर्भर करता है। फिर एक innocent student के साथ ऐसा बर्ताव क्यों?
भारत सरकार क्या कर सकती थी?
- Indian Government को इस पर सख्त stand लेना चाहिए
- US authorities को investigation करनी चाहिए, उसके बाद इतना सख्ती से पेश आना चाहिए।
- ऐसे मामलों को रोकने के लिए joint communication taskforce बनाई जानी चाहिए
- ये एक isolated video नहीं रहना चाहिए… इसे एक larger conversation की शुरुआत बनानी चाहिए।
Final Thought
ये सिर्फ एक घटना नहीं है। ये एक चेतावनी है कि विदेश जाते वक्त documentation और communication clear होनी चाहिए, लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि एक civilized देश में किसी भी visitor को मानवीय व्यवहार मिलना चाहिए— न कि उसे अपराधी की तरह treat किया जाए। अभी कुछ टाइम पहले अमेरिका में इलीगल तरीके से कई देशों के नागरिक पहुंचे थे, लेकिन बाकी देशों के लोग इज़्ज़त से अपने देश लौटे, लेकिन भारत बेड़ियों में, आखिर क्यों? आखिर कहाँ गयी वो लाल ऑंखें और 56 इंच की छाती?
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