Today Legal Tips: क्या आपको अचानक नौकरी से निकाल (Terminated Without Pay) दिया गया और साथ ही आपकी सैलरी भी नहीं दी गई? क्या आपके पास कोई joining letter नहीं है और कंपनी में HR जैसी कोई व्यवस्था भी नहीं थी? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में हजारों कर्मचारी हर साल ऐसे मामलों का सामना करते हैं, खासकर छोटे संस्थानों और स्टार्टअप्स में। पर इसका ये मतलब नहीं कि आपके पास कोई विकल्प नहीं है। कानून आपके साथ है—ज़रूरत है तो सिर्फ जानकारी और सही दिशा की। इस आर्टिकल में हम आपको step-by-step समझाएंगे कि अगर आपको बिना salary निकाला गया है तो आप legally क्या कर सकते हैं।
1. Terminated Without Pay: क्या Illegal है?
भारत के श्रम कानूनों के तहत किसी भी कर्मचारी को बिना सैलरी या बिना proper notice के नौकरी से निकाल देना पूरी तरह से अवैध माना जाता है। भले ही आपके पास कोई written contract या joining letter न हो, अगर आपने कंपनी में कुछ हफ्ते या महीने भी काम किया है और आपके पास उसका कोई प्रमाण है—जैसे कि ईमेल्स, चैट्स, बैंक स्टेटमेंट्स या attendance logs—तो आप कानूनन अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं।
2. आपके Legal Rights under Indian Labour Law
भारतीय कानून में कई ऐसे नियम हैं जो कर्मचारियों को unfair termination और unpaid dues से सुरक्षा प्रदान करते हैं:
Payment of Wages Act, 1936: यह कानून सुनिश्चित करता है कि कर्मचारियों को उनकी सैलरी समय पर मिले। अगर आपकी सैलरी रोकी गई है, तो यह कानून आपके पक्ष में काम करता है।
Industrial Disputes Act, 1947: इस कानून के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी को बिना कारण या proper process के निकाला जाता है, तो वह ‘unfair labour practice’ के अंतर्गत आता है और आप उसके खिलाफ कानूनी कदम उठा सकते हैं।
Shops and Establishments Act: भारत के हर राज्य में यह एक्ट लागू है जो कर्मचारी के working hours, leave policy और termination procedure को regulate करता है।
3. अगर Written Contract नहीं है तो क्या करें?
कई बार छोटी कंपनियां written contract या appointment letter नहीं देतीं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप legal protection से बाहर हो गए। आप निम्नलिखित माध्यमों से अपने employment का प्रमाण दे सकते हैं:
ऑफिस या काम से संबंधित ईमेल या चैट रिकॉर्ड्स (जैसे WhatsApp या Slack)
बैंक स्टेटमेंट जिसमें सैलरी का भुगतान दिख रहा हो
कंपनी का ID card या किसी भी प्रकार की attendance sheet
आपके और employer के बीच का communication (written या recorded)
ये सब मिलकर आपके employment का circumstantial evidence बनते हैं जो court या labour office में मान्य होते हैं।
4. Legal Action कैसे लें? Step-by-Step Process
a) Legal Notice भेजना: किसी वकील की सहायता से आप कंपनी को एक formal legal notice भेज सकते हैं, जिसमें आप unpaid salary, termination details और compensation की मांग कर सकते हैं। यह पहला और प्रभावी कदम होता है, जिससे कई बार कंपनी बिना court गए ही matter सुलझा देती है।
b) Labour Commissioner के पास शिकायत दर्ज करना: आपके जिले के Labour Office में जाकर एक written complaint दर्ज की जा सकती है। शिकायत में आपसे मांगा जाएगा कि आपने कब से कब तक काम किया, किस प्रकार का काम किया और कौन-कौन से documents या proofs आपके पास हैं।
c) Online Grievance Redressal Platforms का इस्तेमाल करें: अगर आप physical शिकायत नहीं करना चाहते या बाहर शहर में हैं, तो ऑनलाइन माध्यम से भी शिकायत कर सकते हैं:
- EPFO Grievance Portal (अगर आपका PF deduct होता था)
- CPGRAMS – यह Central Government का public grievance portal है
- eShram Portal – Informal sector employees के लिए
d) Labour Court में Case File करना: अगर उपरोक्त सभी प्रयासों के बाद भी समाधान नहीं होता, तो आप Labour Court में unfair termination और pending salary के लिए केस दर्ज कर सकते हैं।
5. Compensation में क्या-क्या मांग सकते हैं?
आप सिर्फ salary ही नहीं, बल्कि उससे भी ज्यादा कुछ claim कर सकते हैं। Pending salary के साथ-साथ interest, अगर notice period नहीं दिया गया है, तो उसका payment, और साथ ही Delay या harassment के लिए mental distress compensation (जज की discretion पर) भी मांग सकते हैं। यही नहीं, कुछ मामलों में Court में खर्च हुई legal fees का reimbursement भी मिलता है।
6. अगर कंपनी बहुत छोटी है और HR सिस्टम नहीं है तो क्या करें?
कई employees ये सोचकर चुप हो जाते हैं कि कंपनी बहुत छोटी है, कोई formal HR system नहीं है या कंपनी legally registered भी नहीं है। पर ध्यान दें, भारत के labour laws सभी establishments पर लागू होते हैं—चाहे वे registered हों या नहीं। आप सीधे district Labour Office में जाकर या online portal पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
7. Future में ऐसी Situation से कैसे बचें?
हर employee को अपने legal documentation और employment proof को संभाल कर रखना चाहिए। Joining letter और offer email हमेशा सुरक्षित रखें! सारी communication written में रखें, verbal agreements पर भरोसा न करें! सैलरी bank के माध्यम से लें, cash में नहीं! अगर PF/ESI deduction हो रहा है, तो उसका UAN और ESI number लेकर track करें! हर तीन महीने में अपनी salary slips और attendance का back-up रखें!
Conclusion:
बिना सैलरी के termination एक मानसिक और आर्थिक झटका होता है, लेकिन अगर आप सही जानकारी और रणनीति से काम लें तो अपने हक को पा सकते हैं। भारतीय कानून employee-friendly है, बस हमें उसे समझने और इस्तेमाल करने की जरूरत है। अगर आपके साथ गलत हुआ है, तो चुप न बैठें—अपने अधिकारों की आवाज़ उठाएं।
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