Latest News: पुणे से एक और दर्दनाक रेप केस (Pune Bus Rape Case) सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में एक महिला के साथ बस में रेप किया गया, और अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। यह मामला न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि ऐसी घटनाएं भारत में लगातार बढ़ रही हैं, जिससे देश की कानून व्यवस्था और सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
Pune Bus Rape Case – क्या हुआ था?
पुणे में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक महिला के साथ बस के अंदर बलात्कार किया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी बस का ही स्टाफ था, जिसने सुनसान जगह पर महिला को निशाना बनाया। हालाँकि पुलिस ने आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन यह घटना फिर से इस बात को सिद्ध करती है कि भारत में महिलाएं सेफ नहीं हैं।
पिछले कुछ वर्षों में हुए कुछ बड़े रेप केस
- दिल्ली निर्भया केस (2012) – यह भारत में महिला सुरक्षा से जुड़े कानूनों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बना। इस मामले में शामिल सभी आरोपियों को फांसी दी गई, लेकिन इसके बावजूद रेप की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।
- मुंबई शक्ति मिल गैंगरेप केस (2013) – इस केस में एक फोटो जर्नलिस्ट के साथ सुनसान इलाके में गैंगरेप किया गया था।
- हैदराबाद वेटरनरी डॉक्टर रेप-मर्डर केस (2019) – इस मामले में चार आरोपियों ने मिलकर एक महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप किया और फिर उसे जला दिया। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश था, और जनता ने आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की थी।
- हाथरस रेप केस (2020) – इस केस में एक दलित लड़की के साथ गैंगरेप किया गया था। इसके बाद प्रशासन की लापरवाही और पीड़िता के शव को जबरदस्ती जलाने की घटना ने प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए थे।
भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। National Crime Records Bureau (NCRB) के अनुसार 2023 में भारत में 32,000 से ज्यादा रेप केस दर्ज हुए। यानी हर 16 मिनट में एक महिला के साथ रेप होता है। कुछ राज्यों में सबसे ज्यादा रेप के मामले देखने को मिले। जैसे राजस्थान – 6,500+ केस (2023 में सबसे ज्यादा रेप केस); उत्तर प्रदेश – 3,800 से ज्यादा केस, मध्य प्रदेश – 3,500 से ज्यादा केस, महाराष्ट्र में 2,900 से ज्यादा केस और दिल्ली में 1,500 से ज्यादा केस सामने आए थे। यह तो सिर्फ वो केस हैं, जो पुलिस के पास पहुंचे; जबकि हजारों मामले पुलिस में दर्ज ही नहीं होते।
भारत में रेप के खिलाफ कानून?
- Section 376 IPC – रेप के लिए सजा: रेप के लिए 10 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है। गैंगरेप में 20 साल की सजा या उम्रकैद का प्रावधान है।
- POCSO Act – बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए: अगर पीड़ित 18 साल से कम उम्र का है, तो POCSO (Protection of Children from Sexual Offenses) Act के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है।
- Death Penalty – निर्भया केस के बाद, 2018 में एक नया कानून लाया गया, जिसमें 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के रेप पर फांसी की सजा का प्रावधान किया गया।
सवाल यह है कि क्या ये कानून जमीन पर सही से लागू हो रहे हैं? फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं, लेकिन क्या सच में यह इफेक्टिव हैं? रेप केस का फैसला 6 महीने के भीतर किया जाए, ताकि पीड़ितों को जल्द न्याय मिले। महिला हेल्पलाइन 112 और 1091 हेल्पलाइन को और मजबूत किया जाए। बसों और ट्रेनों में CCTV कैमरे, महिला सुरक्षा गार्ड और इमरजेंसी अलार्म सिस्टम लगाया जाए। स्कूलों और कॉलेजों में महिला सुरक्षा और लैंगिक समानता पर अनिवार्य शिक्षा दी जाए। महिलाओं को सेल्फ-डिफेंस ट्रेनिंग और कानूनी अधिकारों की जानकारी दी जाए। Pune Bus Rape Case जैसी घटनाएं दिखाती हैं कि भारत में महिला सुरक्षा आज भी एक गंभीर मुद्दा है। कानून बने हुए हैं, लेकिन न्याय मिलने में देरी और कमजोर पुलिस व्यवस्था इसे और खराब बना रही है।
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