Delhi Breaking News: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 15 फरवरी 2025 को जबरदस्त भीड़ के कारण अफरा-तफरी और भगदड़ (New Delhi railway stampede) मच गई, जिसमें कम से कम 18 लोगों की मौत और दर्जनों यात्री घायल हो गए। खासतौर पर महाकुंभ मेला 2025 में जाने वाले श्रद्धालुओं के चलते स्टेशन पर भीड़ ज्यादा थी, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गयी है, जिनमें से 11 महिलाएं और 5 बच्चे हैं। इसके अलावा दर्जनों यात्री घायल हुए, कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह भगदड़ प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13 और 14 पर हुई, जहाँ हजारों यात्री ट्रेन पकड़ने के लिए जमा थे।
Prayagraj Express, Swatantrata Senani Express और Bhubaneswar Rajdhani Express की देरी ने भीड़ को और बेकाबू कर दिया। लंबी कतारें, टिकट कन्फर्मेशन की मारामारी और ट्रेन लेट होने के कारण स्थिति बिगड़ गई। रेल मंत्रालय ने इस हादसे की “हाई-लेवल जांच” के आदेश दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताते हुए घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है।
10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा
इस घटना के बाद सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। वहीं, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। रेल मंत्रालय ने भी एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जो इस हादसे के कारणों की समीक्षा करेगी और सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने के सुझाव देगी।
मृतकों की पहचान:
इस हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों की पहचान कर ली गई है:
- सुरुचि (11 साल), पिता मनोज शाह, मुजफ्फरपुर, बिहार
- कृष्णा देवी (40 साल), पति विजय शाह, समस्तीपुर, बिहार
- विजय साह (15 साल), पिता राम सरूप साह, समस्तीपुर, बिहार
- नीरज (12 साल), पिता इंद्रजीत पासवान, वैशाली, बिहार
- शांति देवी (40 साल), पति राज कुमार मांझी, नवादा, बिहार
- पूजा कुमार (8 साल), पिता राज कुमार मांझी, नवादा, बिहार
- संगीता मलिक (34 साल), पति मोहित मलिक, भिवानी, हरियाणा
- पूनम (34 साल), पति वीरेंद्र सिंह, महावीर एन्क्लेव, दिल्ली
- ममता झा (40 साल), पति विपिन झा, नांगलोई, दिल्ली
- रिया सिंह (7 साल), पिता ओपिल सिंह, सागरपुर, दिल्ली
- बेबी कुमारी (24 साल), पिता प्रभु साह, बिजवासन, दिल्ली
- मनोज (47 साल), पिता पंचदेव कुशवाहा, नांगलोई, दिल्ली
- आहा देवी (79 साल), पति रविंदी नाथ, बक्सर, बिहार
- पिंकी देवी (41 साल), पति उपेंद्र शर्मा, संगम विहार, दिल्ली
- शीला देवी (50 साल), पति उमेश गिरी, सरिता विहार, दिल्ली
- व्योम (25 साल), पिता धर्मवीर, बवाना, दिल्ली
- पूनम देवी (40 साल), पति मेघनाथ, सारण, बिहार
- ललिता देवी (35 साल), पति संतोष, पराना, बिहार
क्या यह पहली बार हुआ है?
- यह पहली बार नहीं है, जब रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची हो। इससे पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं!
- इलाहाबाद कुंभ मेला (2013) – इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मची थी, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी।
- मुंबई एल्फिंस्टन ब्रिज हादसा (2017) – भारी बारिश के दौरान स्टेशन पर भगदड़ मचने से 23 लोगों की जान चली गई थी।
- पटना गांधी मैदान हादसा (2014) – दशहरा समारोह के दौरान भगदड़ में 33 लोग मारे गए थे।
- मध्य प्रदेश रतलाम रेलवे स्टेशन (2023) – छठ पूजा के दौरान ट्रेन पकड़ने की भीड़ में भगदड़ मच गई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए थे।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ क्यों हुई बेकाबू?
ज्यादा डिमांड और कम ट्रेन की इसकी बड़ी वजह हैं। महाकुंभ के चलते हजारों यात्री यूपी और बिहार जाने वाली ट्रेनों में टिकट बुक करने के लिए स्टेशन पहुंचे। वहीँ कई लोग बिना रिजर्वेशन के जनरल डिब्बों में चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। रेलवे को पहले से अंदाजा था कि इतनी भीड़ होगी, लेकिन इमरजेंसी प्लानिंग का कोई इंतजाम नहीं था। स्टेशन पर कम पुलिस बल और RPF जवान तैनात थे, जिससे भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल हो गया।
रेलवे को आने वाले त्योहारों और आयोजनों के लिए पहले से स्पेशल ट्रेन प्लान करनी चाहिए। CCTV और AI-Based मॉनिटरिंग सिस्टम से भीड़ को ट्रैक किया जाए, ताकि वक्त रहते कंट्रोल किया जा सके। वहीँ यात्रियों को Pre-Booked Tickets ही लेकर यात्रा करनी चाहिए, वहीँ Last-Minute यात्रा से बचें, खासकर Peak Season में। और हो सके तो जनरल डिब्बों की बजाय Reservation वाली ट्रेनों को प्राथमिकता दें तथा भीड़ में धक्का-मुक्की से बचें और रेलवे अधिकारियों से हेल्प लें।
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