Latest News: आज सुबह नेपाल-तिब्बत बॉर्डर पर 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे दिल्ली-एनसीआर, बिहार और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत बॉर्डर के पास था। दिल्ली, नोएडा, और बिहार जैसे इलाकों में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस होने के बाद लोग डर के कारण घरों और दफ्तरों से बाहर आ गए। हालांकि, राहत की बात यह है कि किसी भी तरह के बड़े जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है।
हिमालयी क्षेत्र क्यों है भूकंप के लिए संवेदनशील?
नेपाल और तिब्बत का क्षेत्र टेक्टोनिक प्लेट्स के मिलन स्थल पर स्थित है, जहां इंडो-ऑस्ट्रेलियन और यूरेशियन प्लेट्स की टकराव होती है। इस टेक्टोनिक मूवमेंट के कारण यह क्षेत्र भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील है।
हिमालयी क्षेत्र को “Himalayan Earthquake Zone” के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंप संभावित क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र दो प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स—इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट—के बीच की सीमा पर स्थित है। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, तो इस क्षेत्र में ऊर्जा जमा होती है, जो भूकंप का कारण बनती है। इस प्रक्रिया को टेक्टोनिक शिफ्ट कहा जाता है। हिमालय के निर्माण के पीछे भी यही टेक्टोनिक मूवमेंट है।
- 1934 बिहार-नेपाल भूकंप: 8.4 तीव्रता का यह भूकंप, उत्तर भारत में सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक था।
- 2015 नेपाल भूकंप: 7.8 तीव्रता के इस भूकंप ने हजारों लोगों की जान ली और नेपाल की राजधानी काठमांडू को गंभीर नुकसान पहुंचाया।
- 2005 कश्मीर भूकंप: 7.6 तीव्रता का यह भूकंप जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के बड़े हिस्से को प्रभावित कर चुका है।
भारत में भूकंप संभावित क्षेत्र (Seismic Zones):
भारत को भूकंप संभावितता के आधार पर चार ज़ोन में बांटा गया है:
- ज़ोन 5: सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र (हिमालय और उत्तर-पूर्वी भारत)।
- ज़ोन 4: दिल्ली, हरियाणा और उत्तर भारत के कुछ हिस्से।
- ज़ोन 3 और 2: अपेक्षाकृत कम जोखिम वाले क्षेत्र।
Geologists के अनुसार, हिमालय में हर 50 से 100 साल के भीतर एक बड़ा भूकंप आ सकता है। इसीलिए यह क्षेत्र “बड़ी भूकंपीय घटना” (Mega Seismic Event) के लिए अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है।
भूकंप के दौरान क्या करें?
- खुले क्षेत्र में जाएं: सुरक्षित जगह खोजें।
- भारी फर्नीचर से दूर रहें: घर में रहते हुए किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छिपें।
- लिफ्ट का इस्तेमाल न करें: सीढ़ियों का उपयोग करें।
- फोन और रेडियो का इस्तेमाल करें: सरकारी निर्देशों को फॉलो करें।
आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति का आकलन शुरू कर दिया है। साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में मदद और सुरक्षा अभियान तेज किए गए हैं।
Breaking News In Hindi
Farmer Protest: British Rule से अब तक भारतीय किसानों के साथ अन्याय?

A research-based writer, content strategist, and the voice behind Dhara Live. With 7+ years of experience in print and digital media, I specialize in creating stories that are not just informative, but also engaging, thought-provoking, and search-friendly.
Over the years, I’ve worked with media houses like Divya Himachal, created academic content for Chandigarh University, and written everything from YouTube explainers to press releases. But what drives me the most is writing content that sparks awareness, curiosity, and real conversations.
At Dhara Live, I focus on trending topics—from geopolitics, health, and finance to AI—all explained in details, the way we naturally speak and think. I believe every reader deserves content that is accurate, easy to understand, and never boring.