Muskan Rastogi Murder Case: ड्रग्स, एक्स्ट्रा-मैरिटल अफेयर और क्राइम ऑफ पैशन – पूरी कहानी

Muskan Rastogi Murder Case: Meerut में एक खौफनाक मर्डर केस सामने आया जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। Muskan Rastogi नाम की महिला ने अपने प्रेमी Sahil Shukla के साथ मिलकर अपने पति Saurabh Rajput की हत्या कर दी, क्योंकि वह उसे ड्रग्स लेने से रोकता था। इस क्रूर अपराध को अंजाम देने के बाद, उन्होंने शव के टुकड़े किए और उसे सीमेंट से भरे ड्रम में छुपा दिया।

Muskan और Saurabh की शादी 2016 में हुई थी और उनका एक 5 साल का बच्चा भी है। Muskan का Sahil के साथ अफेयर 2019 में सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ। Sahil ने Muskan को ड्रग्स की लत लगाई और दोनों का रिश्ता मजबूत होता गया। 4 मार्च 2025 को Muskan ने Saurabh के खाने में नशे की दवा मिलाई, जिससे वह बेहोश हो गया। Muskan ने Sahil को बुलाया और दोनों ने मिलकर बड़ी चाकू से Saurabh का गला रेत दिया। अगले दिन, शव ठिकाने लगाने के लिए उन्होंने एक बड़ा प्लास्टिक ड्रम, सीमेंट और रेत खरीदी और शव को उसमें डालकर सील कर दिया। 17 मार्च को जब Muskan के पिता ने उस पर शक किया और पुलिस के पास ले जाने की धमकी दी, तो उसने सच उगल दिया। पुलिस को ड्रम खोलने में 2 घंटे से ज्यादा का समय लगा, क्योंकि सीमेंट पूरी तरह जम चुका था।

क्या यह एक Pre-planned Murder था? क्या Muskan और Sahil को लगा था कि वे बच जाएंगे? यह घटना हमें क्राइम ऑफ पैशन (Crime of Passion) के बढ़ते मामलों पर सोचने के लिए मजबूर करती है। आखिर क्या कारण हैं जो किसी इंसान को इतने खतरनाक कदम उठाने पर मजबूर कर देते हैं?

Muskan Rastogi Murder Case?

Crimes of Passion ऐसे अपराध होते हैं जो गहरी emotional hurt, anger or jealousy के कारण किए जाते हैं। इन मामलों में अक्सर पति-पत्नी, प्रेमी-प्रेमिका या करीबी रिश्तेदार शामिल होते हैं। क्यों बढ़ रहे हैं ऐसे मामले? जब कोई इंसान प्यार में धोखा खाता है, तो उसके अंदर एक intense emotional breakdown होता है, जो कभी-कभी गुस्से में बदल जाता है। वहीँ Possessiveness & Jealousy भी बड़ा कारण है। कुछ लोग अपने पार्टनर को एक possession की तरह ट्रीट करते हैं और जब चीजें उनकी मर्जी से नहीं होती, तो वे हिंसक हो जाते हैं।कभी-कभी आर्थिक दबाव, पारिवारिक तनाव और समाज में इज्जत बचाने की मजबूरी भी ऐसे अपराधों की वजह बनती है।

कुछ हाई-प्रोफाइल केस?

श्रद्धा वाकर केस (2022): आफताब पूनावाला ने श्रद्धा की हत्या कर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और फ्रिज में छिपाए।

इंद्राणी मुखर्जी-शीना बोरा मर्डर केस: एक मां ने अपनी बेटी को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि वह अपनी दूसरी शादी और इमेज बचाना चाहती थी।

हिमाचल लवर मर्डर केस (2023): एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति को पहाड़ से नीचे फेंक दिया। क्या ऐसे क्राइम्स को रोकने के लिए काउंसलिंग, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और बेहतर पुलिसिंग की जरूरत है?

Meerut केस में अपराधी ने हत्या के बाद शव को ड्रम में भरकर छिपाने की कोशिश की। यह पहली बार नहीं है जब किसी अपराधी ने शव छुपाने के लिए इतने क्रूर तरीके अपनाए हों। अपराधी सोचते हैं कि अगर शव नहीं मिलेगा, तो उन्हें पकड़ा नहीं जाएगा। शरीर को जलाना या एसिड से गलाना, पहचान मिटाने की कोशिश, बैग, फ्रिज या ड्रम में छिपाना। कई अपराधी शव को नदियों में फेंककर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करते हैं। लेकिन फॉरेंसिक साइंस (Forensic Science) की मदद से अपराधियों को ट्रैक करना आसान हो गया है। DNA, ब्लड स्पॉट्स, डिजिटल ट्रैकिंग (फोन लोकेशन, मैसेजेस) और CCTV फुटेज अपराधी को जल्द पकड़ने में मदद करते हैं।

Why Do Crime Cases Go Viral?

हर दिन हजारों अपराध होते हैं, लेकिन कुछ ही मामले नेशनल न्यूज़ और सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगते हैं। Meerut केस भी उन्हीं में से एक है। लेकिन क्यों? True Crime Shows & Documentaries लोगों को इन्फ्लुएंस करती हैं। Netflix, YouTube और पॉडकास्ट्स पर क्राइम स्टोरीज़ की पॉपुलैरिटी बढ़ रही है। हर चैनल पर क्राइम ब्रेकिंग न्यूज़ बन जाती है, जिससे लोगों का ध्यान इस ओर बढ़ता है। लोग ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपने-अपने थ्योरीज़ बनाने लगते हैं। कभी-कभी अपराधी को कोर्ट से पहले ही मीडिया द्वारा दोषी घोषित कर दिया जाता है। कुछ मामलों में हाई मीडिया अटेंशन के कारण न्याय में देरी भी होती है।

क्राइम ऑफ पैशन के पीछे भावनात्मक अस्थिरता, मानसिक तनाव और सामाजिक दबाव एक बड़ी वजह हो सकते हैं। शव छिपाने की बढ़ती घटनाएँ यह दिखाती हैं कि अपराधी पुलिस को गुमराह करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं, लेकिन फॉरेंसिक साइंस उन्हें ट्रैक करने में सक्षम है। सोशल मीडिया और मीडिया कवरेज के कारण कुछ क्राइम केसेस हाईलाइट हो जाते हैं, जिससे अपराधियों को जल्दी सज़ा मिल सकती है, लेकिन इससे न्याय प्रणाली भी प्रभावित हो सकती है।

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