Mumbai Local Train Accident: ट्रेन के दरवाजे से लटके 8 यात्री गिरे ट्रैक पर; 4 की मौत | जिम्मेदार है Poor Railway Safety?

Mumbai Local Train Accident: हाल ही में Mumbai Train Accident हुआ है, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गयी है। इस एक्सीडेंट का कारण कोई टेक्निकल प्रॉब्लम नहीं, बल्कि भीड़ थी। मुंबई की Lifeline मानी जाने वाली Local Train एक बार फिर चर्चा में आ गयी — लेकिन इस बार किसी सुविधा या punctuality की वजह से नहीं, बल्कि एक heart-wrenching accident के कारण। 9 जून की सुबह करीब 9:00 बजे, Thane के Diva और Mumbra स्टेशन के बीच एक Fast Local से अचानक कई यात्री पटरी पर गिर पड़े।

Accident के पीछे की वजह क्या थी?

Train इतनी ज्यादा भीड़ से भरी थी कि कई यात्री दरवाज़ों पर लटककर सफर कर रहे थे — जो मुंबई की लोकल ट्रेनों में एक painful routine बन चुका है। उसी वक्त Pushpak Express और Kasara Local विपरीत दिशा से high speed पर गुजर रही थीं। इससे sudden pressure और balance loss के कारण करीब 10–12 लोग नीचे गिर गए। इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, और कई गंभीर रूप से घायल हो गए।

Authorities का क्या कहना है?

Central Railway के प्रवक्ता Swapnil Dhanraj Neela ने बताया — “CSMT से Kasara जा रही लोकल के guard ने इस tragic incident की जानकारी दी। 8 लोग ट्रैक पर गिरे, जिन्हें तुरंत ambulance के ज़रिए अस्पताल भेजा गया।” उन्होंने आगे कहा — “ज्यादातर यात्री train के footboard पर travel कर रहे थे। अब जो नए AC rakes आ रहे हैं, उनमें automatic door closer की सुविधा है, जिससे future में ऐसे हादसों को रोका जा सकेगा।”

भीड़ का कोई समाधान नहीं?

स्थानीय यात्रियों का गुस्सा अब खुलकर सामने आ रहा है। एक regular commuter ने कहा — “हर रोज़ train में जान हथेली पर रखकर सफर करना पड़ता है। Authorities को भीड़ कंट्रोल करने के लिए ज्यादा local trains चलानी चाहिए।”

CM Devendra Fadnavis का बयान

मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा — “यह बहुत unfortunate है कि Diva-Mumbra के बीच 8 लोग लोकल ट्रेन से गिर गए और कुछ की जान चली गई। मैं मृतकों को श्रद्धांजलि देता हूं। घायलों का इलाज जारी है और प्रशासन काम में जुटा है।”

हर दिन 80 लाख यात्रियों के लिए कितनी ट्रेन?

Mumbai Local हर दिन करीब 80 लाख यात्रियों को transport करती है — ये अपने आप में एक massive number है। लेकिन limited infrastructure, insufficient number of trains, और basic safety features जैसे automatic doors की कमी ने इन trains को accident-prone बना दिया है।

  • Local trains की frequency बढ़ानी होगी
  • Footboard travel को रोकने के लिए awareness campaigns ज़रूरी हैं
  • Modern coaches with automated safety features की जरूरत है
  • Long-term infrastructure expansion प्लान को priority पर रखना होगा

 

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