Pay As You Drive: क्या आपने कभी सोचा है कि आप हर साल अपनी गाड़ी का बीमा कराते हैं, लेकिन उतना चलाते नहीं जितना प्रीमियम भरते हैं? या फिर जब कभी एक्सीडेंट हो जाए तो क्लेम प्रोसेस इतना लंबा और पेचीदा हो जाता है कि क्लेम मिलना किसी जंग जीतने जैसा लगता है? अगर हां, तो आपको जानकर खुशी होगी कि अब मोटर इंश्योरेंस की दुनिया में बड़ा बदलाव आ चुका है। 2025 में इंश्योरेंस सेक्टर पहले से ज्यादा स्मार्ट, सटीक और टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली हो गया है। अब बीमा उतना ही देना होगा जितना आप गाड़ी चलाते हैं और क्लेम की प्रक्रिया इतनी आसान हो गई है कि बस कुछ क्लिक में पूरा हो जाता है। यह सब संभव हो पाया है नई Pay-As-You-Drive (PAYD) पॉलिसी और ऐप-बेस्ड क्लेम प्रोसेसिंग की वजह से, जो मोटर इंश्योरेंस को पूरी तरह रिवॉल्यूशनाइज कर रही हैं।
Pay-As-You-Drive (PAYD) पॉलिसी?
Pay-As-You-Drive यानी PAYD पॉलिसी एक ऐसा इंश्योरेंस मॉडल है जिसमें ग्राहक से प्रीमियम उसी अनुपात में लिया जाता है, जितना वह vehicle का इस्तेमाल करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति महीने में केवल 300-400 किलोमीटर ही गाड़ी चलाता है, तो उससे पूरे साल के लिए भारी प्रीमियम वसूलने का कोई मतलब नहीं है। PAYD पॉलिसी इसी सोच पर आधारित है। इस पॉलिसी में कस्टमर को पहले से ही तय करना होता है कि वह साल में कितनी दूरी तय करेगा – जैसे 5,000 किमी या 10,000 किमी। इसी आधार पर उसका प्रीमियम तय किया जाता है। इसके बाद कंपनी vehicle में एक GPS या टेलीमैटिक डिवाइस इंस्टॉल करती है, जिससे आपकी ड्राइविंग दूरी ट्रैक होती हैं। अगर तय की गई लिमिट पार हो जाती है, तो या तो बीमा को रिन्यू किया जाता है या अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है।
2022 में IRDAI ने PAYD और PHYD (Pay How You Drive) जैसे usage-based insurance मॉडल्स को हरी झंडी दी थी, और 2023-2025 तक ICICI Lombard, HDFC Ergo, और Bajaj Allianz जैसी कंपनियों ने इन्हें पूरे भारत में रोल आउट कर दिया। अब 2025 में यह विकल्प लगभग सभी प्रमुख बीमा कंपनियों में उपलब्ध है।
ऐप-बेस्ड क्लेम प्रोसेसिंग
आज के समय में बीमा क्लेम फाइल करने के लिए न तो एजेंट की ज़रूरत है, न ही घंटों लाइन में लगने की। बड़ी बीमा कंपनियाँ अब अपने मोबाइल ऐप्स के ज़रिए क्लेम प्रोसेसिंग को पूरी तरह डिजिटल और लगभग इंस्टेंट बना रही हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपकी कार को कोई डैमेज होता है, तो आप अपने स्मार्टफोन से ऐप खोलकर उसकी तस्वीरें अपलोड कर सकते हैं, लोकेशन और घटना की जानकारी भर सकते हैं, और सबमिट कर सकते हैं। कुछ मामलों में AI बेस्ड एसेसमेंट के ज़रिए 24-48 घंटे के अंदर क्लेम अप्रूव हो जाता है। 2025 तक HDFC Ergo का Easy Claims फीचर, Digit Insurance का फुली ऐप-बेस्ड क्लेम सिस्टम और Acko का इंस्टेंट सेटलमेंट मॉडल तेजी से लोकप्रिय हो चुका है। इससे बीमा धारकों को क्लेम प्रोसेस में पारदर्शिता, तेज़ी और सुविधा मिल रही है।
ऐसे पाएं प्रीमियम में छूट
मोटर इंश्योरेंस 2025 में सिर्फ PAYD या ऐप तक सीमित नहीं है। कंपनियाँ अब ड्राइवर के व्यवहार के आधार पर भी छूट दे रही हैं – जिसे Pay-How-You-Drive (PHYD) कहा जाता है। यानी यदि आप नियमों का पालन करते हैं, ओवरस्पीडिंग नहीं करते, और सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाते हैं, तो आपके अगले प्रीमियम में आपको विशेष छूट मिल सकती है। साथ ही कुछ कंपनियाँ अब एक से अधिक गाड़ियों के लिए फ्लोटिंग पॉलिसी भी दे रही हैं। यानी यदि आपके पास दो या तीन वाहन हैं, तो आप एक ही पॉलिसी के तहत उन्हें कवर कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑन-द-स्पॉट सर्वे, पेपरलेस डॉक्यूमेंटेशन, और ऑटोमेटिक रिन्यूअल जैसी सुविधाएं भी इंश्योरेंस को पहले से ज़्यादा स्मार्ट बना रही हैं।
PAYD और ऐप-बेस्ड इंश्योरेंस सबसे फायदेमंद उनके लिए है, जो लोग वर्क फ्रॉम होम करते हैं और रोज़ाना गाड़ी का उपयोग नहीं करते। जिनके पास सेकंडरी कार है जिसे केवल वीकेंड्स या छुट्टियों में चलाया जाता है। या बुज़ुर्ग ड्राइवर्स जो गाड़ी कम चलाते हैं। युवा प्रोफेशनल्स जो स्मार्टफोन के ज़रिए सारी चीज़ें मैनेज करना पसंद करते हैं।
Motor Insurance 3.0
भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, टेलीमैटिक्स और IoT डिवाइसेज़ के बढ़ते उपयोग को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि मोटर इंश्योरेंस का अगला चरण – यानी Motor Insurance 3.0 – बहुत दूर नहीं है। जहाँ पूरी पॉलिसी Blockchain आधारित होगी, क्लेम पूरी तरह AI से approve होंगे और आपको इंसान से बात करने की भी ज़रूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन फिलहाल Motor Insurance 2.0 भारत के लिए एक गेमचेंजर साबित हो रहा है।
अगर आप अभी भी पुराने स्टाइल की मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी ले रहे हैं जिसमें फिक्स्ड प्रीमियम देना पड़ता है और क्लेम में हफ्तों लग जाते हैं, तो अब वक्त है बदलाव का। PAYD और ऐप-बेस्ड इंश्योरेंस मॉडल न सिर्फ आपकी जेब के लिए बेहतर हैं, बल्कि आपके समय और अनुभव के लिए भी। 2025 का मोटर इंश्योरेंस स्मार्ट, तेज़, और आपके व्यवहार पर आधारित है। तो क्यों न अब वही बीमा लिया जाए जो आपकी जरूरत और लाइफस्टाइल के हिसाब से हो?
FAQs
1. क्या हम 5 साल के लिए कार बीमा खरीद सकते हैं?
हां, अब नई कार खरीदते समय आपको कम से कम 3 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना अनिवार्य है। इसके साथ-साथ आप Comprehensive Insurance (जिसमें Own Damage शामिल होता है) को 3 से 5 साल तक के लिए ले सकते हैं। इससे हर साल renewal की झंझट नहीं रहता और आपको बेहतर premium rate भी मिल सकता है।
2. क्या हमें 5 साल बाद भी Zero Depreciation (Zero Dep) कवर मिलता है?
Zero Depreciation कवर आमतौर पर नई कारों के लिए पहले 3 से 5 साल तक ही ऑफर किया जाता है। हालांकि कुछ कंपनियाँ inspection के बाद 7 साल तक यह कवर extend करने का ऑप्शन देती हैं, लेकिन यह vehicle की condition और insurer की policy पर निर्भर करता है।
3. 5 साल का बीमा नियम क्या है?
IRDAI के नियमों के अनुसार, नई गाड़ियों के लिए 3 साल का थर्ड पार्टी बीमा और 2 साल का Own Damage कवर एक साथ bundled में दिया जाता है। इसे हम Long-Term Package Policy भी कहते हैं। यह नियम 2018 में लागू किया गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लंबे समय तक insured रहें।
4. Pay-As-You-Drive इंश्योरेंस कैसे खरीदें?
Pay-As-You-Drive पॉलिसी खरीदने के लिए आप अपनी बीमा कंपनी की वेबसाइट या ऐप पर जाकर usage-based insurance सेक्शन में जाकर distance या usage slab चुन सकते हैं। गाड़ी में एक GPS/Telematics डिवाइस इंस्टॉल किया जाएगा और उसी के आधार पर आपका premium तय होगा।
5. इंश्योरेंस में IDV क्या होता है?
IDV यानी Insured Declared Value, आपकी गाड़ी की वर्तमान मार्केट वैल्यू होती है। अगर गाड़ी total loss या theft का शिकार होती है, तो बीमा कंपनी आपको यही राशि देती है।
6. Pay-To-Drive का मतलब क्या है?
Pay-To-Drive एक सामान्य शब्द है जिसका इस्तेमाल Pay-As-You-Drive (PAYD) जैसे इंश्योरेंस मॉडल के लिए किया जाता है, जहां आपका प्रीमियम आपके actual driving usage पर आधारित होता है।
7. Zero Depreciation में IDV घटता है?
Zero Depreciation कवर का असर IDV पर नहीं पड़ता। IDV गाड़ी की market value के हिसाब से तय होता है, जबकि Zero Dep आपके क्लेम से depreciation कटौती को हटाता है।
8. क्या Zero Depreciation कवर Comprehensive Insurance से बेहतर है?
Zero Depreciation एक add-on है, जिसे आप Comprehensive Insurance के साथ जोड़ सकते हैं। अगर आप चाहते हैं कि accident के बाद parts पर depreciation न कटे, तो यह add-on ज़रूर लेना चाहिए। ये Comprehensive Insurance को और बेहतर बनाता है।
9. Zero Dep में इंजन कवर होता है?
इंजन कवर Zero Dep का हिस्सा नहीं होता। इसके लिए आपको अलग से Engine Protection Add-on लेना पड़ता है, खासकर flood-prone areas में रहने वालों के लिए यह जरूरी होता है।
10. ज्यादा IDV लेना बेहतर है?
हां, अधिक IDV लेने से आपको total loss या theft की स्थिति में ज्यादा क्लेम मिलेगा, लेकिन इसका मतलब है कि आपका premium थोड़ा ज्यादा होगा। यदि आप बेहतर सुरक्षा चाहते हैं, तो higher IDV लेना फायदेमंद हो सकता है।
11. कितनी बार Zero Dep इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं?
ज्यादातर बीमा कंपनियाँ Zero Dep के साथ 2 या 3 क्लेम प्रति वर्ष की सीमा तय करती हैं। हालांकि कुछ plans में unlimited Zero Dep claims भी मिलते हैं – ये आपके plan और insurer पर निर्भर करता है।
12. क्या कार का IDV बढ़ा सकते हैं?
हां, policy renewal के समय आप IDV बढ़ाने का अनुरोध कर सकते हैं, लेकिन यह इस बात पर डिपेंड करता है कि आपकी गाडी कितनी पुरानी है और insurer की internal limits कितनी है।
13. क्या Zero Dep इंश्योरेंस में एयरबैग कवर होता है?
अगर एयरबैग accidental damage के दौरान डैमेज होता है, तो Zero Depreciation add-on उसे कवर करता है – बशर्ते damage policy के terms and conditions में यह चीज़ कवर होनी चाहिए।
14. Zero Dep इंश्योरेंस में बम्पर कवर होता है?
हां, Zero Dep इंश्योरेंस में बम्पर, फेंडर, बोनट जैसे प्लास्टिक या फाइबर पार्ट्स को बिना depreciation के कवर किया जाता है।
15. क्या कार डेंट के लिए बीमा का दावा कर सकते हैं?
अगर dent accidental damage की वजह से हुआ है और आप Comprehensive Insurance रखते हैं, तो आप उसका क्लेम कर सकते हैं। लेकिन छोटी cosmetic damages पर क्लेम करने से NCB (No Claim Bonus) पर असर पड़ सकता है।
16. क्या टायर Zero Dep इंश्योरेंस में कवर होते हैं?
टायर आमतौर पर Zero Dep कवर में नहीं आते, जब तक कि वो किसी दुर्घटना में डैमेज न हुए हों। Normal wear & tear पर क्लेम नहीं मिलता।
17. कार का कौन सा भाग बीमा द्वारा कवर नहीं किया जाता है?
Normal wear & tear, mechanical breakdown, और कुछ इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स बीमा के तहत कवर नहीं होते, जब तक आप उनके लिए अलग से add-on नहीं लेते।
18. क्या बैटरी Zero Dep इंश्योरेंस में कवर होती है?
Battery accidental damage की स्थिति में कवर हो सकती है, अगर यह Zero Dep claim का हिस्सा हो। लेकिन regular battery failure, discharge या life end बीमा में नहीं आता।
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