Major Stampedes in India: भारत में religious gatherings, railway stations और festivals के दौरान भगदड़ और उसकी वजह से होने वाले बड़े हादसे आम होते जा रहे हैं। हर साल लाखों लोग मंदिर, रेलवे स्टेशन और पब्लिक इवेंट्स में इकट्ठा होते हैं, लेकिन क्राउड मैनेजमेंट की कमी और सुरक्षा की तैयारियों के बिना ये इवेंट्स हादसों में बदल जाते हैं। अभी हाल ही में प्रयागराज महाकुम्भ में भगदड़ और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के हादसे की तरह मुगल गढ़ी, वैष्णो देवी, रतनगढ़ मंदिर, तिरुपति, NDLS और बांद्रा स्टेशन जैसे हादसे इस बात का सबूत हैं कि भीड़ नियंत्रण की अनदेखी कितनी घातक साबित हो सकती है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन और ऑर्गनाइज़र ऐसे इवेंट्स में सुरक्षा को लेकर ज्यादा serious होंगे या हम हर साल ऐसे दर्दनाक हादसों की खबरें पढ़ते रहेंगे?
1) New Delhi Railway Station Stampede: 18 लोगों की मौत
कुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी और रेलवे की लापरवाही ने 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर दर्दनाक भगदड़ का रूप ले लिया। इस हादसे में 18 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। 45 दिन तक चलने वाला महा कुंभ मेला, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कहा जाता है, 13 जनवरी से शुरू हुआ और 26 फरवरी को खत्म होगा। लेकिन इस मेले में अब तक दो भीषण हादसे हो चुके हैं – पहला 29 जनवरी को प्रयागराज के संगम में हुआ, जिसमें 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। अब, NDLS पर हुआ यह हादसा रेलवे की अव्यवस्थाओं को उजागर कर रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ इतनी ज्यादा थी कि लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए खिड़कियां तोड़ रहे थे। NDLS पर भीड़ अचानक बढ़ गई, क्योंकि प्रयागराज जाने वाली चार में से तीन ट्रेनें लेट हो गई थीं। स्थिति तब और बिगड़ गई जब प्रयागराज स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म 16 पर आने की घोषणा हुई, जबकि प्रयागराज एक्सप्रेस पहले से ही प्लेटफॉर्म 14 पर खड़ी थी। इस कन्फ्यूजन में हजारों यात्री इधर-उधर भागने लगे। सबसे ज्यादा भीड़ प्लेटफॉर्म 13 से 15 की ओर बढ़ी और फुटओवर ब्रिज पर अचानक भगदड़ मच गई!
2) Bandra Station Stampede; 9 लोग घायल
27 अक्टूबर 2024 को Bandra Terminus पर सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 9 लोग घायल हो गए। हादसा सुबह 5:56 पर Bandra-Gorakhpur Express के प्रस्थान से ठीक पहले Platform No. 1 पर हुआ। यहाँ भी त्योहारों के चलते स्टेशन पर काफी भीड़ थी। पिछले कई सालों से इसी तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन railway safety measures में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ।
3) वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हादसा; 6 लोगों की मौत
तिरुपति (आंध्र प्रदेश) – भगदड़ की एक और दर्दनाक घटना जनवरी 2025 में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुई, जिसमें लगभग 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह भगदड़ वैकुंठ एकादशी उत्सव के दौरान हुई, जो 10 दिनों तक चलने वाला वार्षिक पर्व है। TTD ने टोकन जारी करने के लिए विशेष काउंटर लगाए थे, ताकि श्रद्धालुओं को सुचारू रूप से प्रवेश दिया जा सके। लेकिन भीड़ इतनी अधिक हो गई कि जैसे ही एक महिला को अस्वस्थ महसूस हुआ और गेट खोला गया, वहां मौजूद लोगों ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे भगदड़ मच गई। इसमें 6 लोगों की मौत हो गयी, जिसमें 3 महिलाएं थीं, और 30 से ज्यादा घायल हो गए।
4) July 2024: 121 लोगों ने गवाई जान
पिछले साल 2 जुलाई को मुगल गढ़ी गांव में एक religious gathering के दौरान भारी भगदड़ मच गई, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई और कई लोग seriously injured हो गए। यह हादसा highway के पास एक open field में हुआ, जहां famous preacher भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था। इस event के लिए 80,000 लोगों की permission थी, लेकिन 2.5 लाख लोग पहुंच गए। जब प्रवचन खत्म हुआ और लोग बाहर निकलने लगे, तो crowd control completely fail हो गया। Reports के मुताबिक, गर्मी, dust storm और overcrowding से भगदड़ मच गई। लेकिन police investigation में यह सामने आया कि भगदड़ तब शुरू हुई जब devotees मिट्टी उठाने लगे जहां preacher ने प्रवचन दिया था। साथ ही, VIP exit को clear करने के लिए भीड़ को रोका गया, जिससे situation और out of control हो गई।
5) 2022 Vaishno Devi Stampede; 12 श्रद्धालुओं की मौत
यह हादसा कटरा, जम्मू-कश्मीर – माता वैष्णो देवी मंदिर में हुई थी। 1 जनवरी 2022 की सुबह भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। असल में रात 2:45 AM पर श्रद्धालुओं के बीच कहासुनी होने की वजह से धक्का मुक्की होने लगी और भीड़ इतनी ज्यादा थी कि situation out of control हो गई और भगदड़ मच गई। इस हादसे के बाद PM नरेंद्र मोदी ने पीड़ितों के परिवार को ₹2 लाख रुपए और घायलों को ₹50,000 रुपए देने की घोषणा की। J&K LG मनोज सिन्हा ने ₹10 लाख ex-gratia और Shrine Board द्वारा injured के इलाज का खर्च उठाने की बात कही।
6) Ratangarh Temple: 115 श्रद्धालुओं की मौत
13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के रतनगढ़ मंदिर में Navratri festival के दौरान एक भयानक भगदड़ में 115 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 110 से ज्यादा घायल हो गए। यह हादसा तब हुआ, जब सिंध नदी पर बने ब्रिज पर भारी भीड़ जमा थी, जब अचानक अफवाह फैली कि ब्रिज collapse होने वाला है। पैनिक में लोग भागने लगे, कुछ भीड़ में कुचल गए, तो कुछ ब्रिज से नदी में कूद गए और डूबकर मर गए। इसी ब्रिज पर पहले भी 2006 में एक भगदड़ मची थी, जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
हर बार जब कोई हादसा हो जाता है, सरकारें मुआवजे की घोषणा कर देती हैं, लेकिन आगे ऐसा न हो, इसका इंतजाम नहीं किया जाता, नतीजतन ऐसे हादसे रिपीट होते हैं। CCTV surveillance, entry-exit control, crowd limit enforcement और emergency response system जैसे basic safety measures लागू करने की ज़रूरत है। धार्मिक आयोजनों, रेलवे स्टेशनों और बड़े त्योहारों में strict crowd control policies लागू किए बिना ऐसी घटनाओं को रोकना मुश्किल है। क्या प्रशासन अब भी जागेगा या फिर अगले हादसे का इंतजार करेगा?
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