Breaking News: अभी कुछ समय पहले यह दावा किया गया कि भारत अब GDP के हिसाब से जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका (India World’s 4th Largest Economy) है। नीति आयोग और कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है और इसका क्रेडिट सरकार को दिया गया है। लेकिन CNN, CNBC और IMF के डेटा बताते हैं कि ये घोषणा थोड़ी जल्दबाज़ी में की गई। 2024 के आंकड़ों में भारत और जापान बहुत करीब हैं, लेकिन भारत अभी आधिकारिक तौर पर आगे नहीं निकला है। इसलिए, ये कहना कि भारत पहले ही चौथे स्थान पर है, थोड़ा प्रीमेच्योर है।
India World’s 4th Largest Economy?
GDP में उछाल देखकर ऐसा लगता है मानो देश में खुशहाली आ गई हो, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। 2023 से 2024 के बीच घरेलू कर्ज़ 37.6% से बढ़कर 42.9% हो गया। Microfinance सेक्टर में NPA 8.8% से बढ़कर 16% हो गया। लोग EMI और लोन के भरोसे जीवन चला रहे हैं, सेविंग्स लगातार घट रही हैं। ऐसे में अगर देश आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है, तो जनता को राहत क्यों नहीं मिल रही?
कंपनियों के मुनाफे में असमानता
हाल ही की रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की 76% कंपनियों के कुल मुनाफे का हिस्सा सिर्फ 5 बड़ी कंपनियों के पास है। IT सेक्टर में तिमाही दर तिमाही गिरावट, और हजारों की संख्या में लोगों की छंटनी। महंगाई और शहरी खर्च ने consumer spending को भी प्रभावित किया है। इसका मतलब यह है कि ग्रोथ inclusive नहीं है। कुछ ही कंपनियां और अमीर हो रही हैं, जबकि आम जनता संघर्ष में है।
नंबर की रेस vs. जमीनी सच्चाई
भारत अगर वाकई दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन भी गया हो, तो उसका मतलब यही होना चाहिए कि देश में जीवन स्तर बेहतर हो। लेकिन आज भी 80 करोड़ लोगों को आज भी मुफ्त राशन देना पड़ता है। गिग इकॉनमी को सरकार भविष्य का समाधान बता रही है, जबकि उसमें न वेतन स्थिर है, न भविष्य सुरक्षित। भारत में प्रति व्यक्ति आय और जीवन स्तर, अभी भी जापान या जर्मनी से बहुत पीछे हैं। सीधी बात है कि प्रगति तब मानी जाएगी, जब नंबर के साथ-साथ नागरिकों का जीवन भी सुधरे।
निष्कर्ष:
GDP नंबर का जश्न तो मनाइए, लेकिन ज़रा सोचिए — क्या ये जश्न वाकई सबके लिए है? जब तक भारत की आर्थिक तरक्की हर आम आदमी तक न पहुंचे, तब तक यह ‘दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी’ सिर्फ एक आंकड़ा है, हकीकत नहीं। आपकी जिंदगी में कितना बदलाव आया है? जब इकॉनमी 5वें नंबर पर थी, तब आपकी आर्थिक स्थिति कैसी थी, और आज कैसी है? देश की इकॉनमी आगे बढ़ी है, तो क्या आपकी इनकम भी उतनी तेजी से बढ़ी है?
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