India Economic Growth Exposed: सरकार लगातार दावा कर रही है कि भारत जल्द ही दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि GDP ग्रोथ तेज़ है, विदेशी निवेश (Foreign Investment) आ रहा है, और भारत एक ग्लोबल पावर बन रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत क्या कहती है? अगर भारत की Economy इतनी तेज़ी से बढ़ रही है, तो भारत की 142 करोड़ से ज्यादा आबादी में से लगभग 100 करोड़ इंडियंस के पास नॉन-एसेंशियल (100 Crore Indians No Disposable Income) चीज़ों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं? अगर Middle-Class और Low-Income ग्रुप्स की आर्थिक स्थिति (Economic Condition) सुधर नहीं रही, तो ये ग्रोथ आखिर किसके लिए हो रही है और किसकी हो रही है? क्या सरकार की ये बातें सिर्फ बड़े-बड़े आंकड़ों का खेल हैं, या असल में भारतीयों की लाइफस्टाइल और इनकम पर भी कोई असर पड़ रहा है? चलिए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
100 Crore Indians No Disposable Income
सरकार कह रही है कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। लेकिन GDP नंबर बढ़ने से क्या आम आदमी की आर्थिक स्थिति सुधर रही है? ज़मीनी हकीकत इसके उलट नजर आती है। सरकार का कहना है कि भारत की GDP 7% से ज्यादा की दर से बढ़ रही है। लेकिन असल में Reality कुछ और ही है, ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि Economic Growth सिर्फ कुछ सेक्टर्स में है, जबकि गांव, मिडिल क्लास और लोअर इनकम ग्रुप्स की स्थिति जस की तस बनी हुई है।
- सरकारी दावा है कि भारत में करोड़ों नौकरियां पैदा हो रही हैं। लेकिन Reality यह है की हर गुजरते दिन के साथ बेरोज़गारी एक बड़ा संकट बनती जा रही है। CMIE डेटा के मुताबिक, भारत में बेरोज़गारी दर 7.5% है, और युवाओं में यह 20% से ज्यादा है।
- सरकारी का कहना है कि देश में Disposable Income (खर्च करने लायक पैसा) बढ़ रहा है। लेकिन Reality यह है कि 90 -100 करोड़ भारतीय सिर्फ ज़रूरी चीज़ों पर ही खर्च कर पा रहे हैं, उनके पास बचत नहीं है, जिससे वे नए गैजेट्स, ट्रैवल, एंटरटेनमेंट जैसी चीजों पर खर्च कर सकें।
- सवाल यह है कि अगर Economy इतनी तेजी से बढ़ रही है, तो Middle-Class गरीब क्यों हो रहा है? भारत में मिडिल-क्लास की हालत पिछले कुछ सालों में और कमजोर होती जा रही है। सरकार तो कह रही है कि GDP बढ़ रही है, लेकिन मिडिल-क्लास की सैलरी और खर्च करने की क्षमता में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
Income बढ़ी नहीं, लेकिन खर्च 2X बढ़ गया
Essential Items (खाने-पीने की चीजें, बिजली, किराया, स्कूल फीस) की कीमतें पिछले 3 सालों में 30-40% बढ़ गई हैं। लेकिन मिडिल-क्लास की सैलरी या आमदनी उस रफ्तार से नहीं बढ़ी। इसके अलावा Saving घट गई, और Loan बढ़ गए हैं! पहले लोग अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा सेविंग्स में डालते थे, लेकिन अब ज़्यादातर आमदनी EMI, रेंट और बिल्स में खत्म हो जाती है। यह हम नहीं कह रहे, RBI रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में पिछले 5 सालों में लोन लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जबकि सेविंग करने वाले कम हुए हैं।
प्राइवेट सेक्टर में जॉब सिक्योरिटी घटती जा रही है, जिससे लोगों की इकनोमिक कंडीशन और खराब हो रही है। Startups और MNCs में लगातार Layoff हो रहे हैं, जिससे Skilled Workers भी जॉब के लिए स्ट्रगल कर रहे हैं।
बढ़ती Rich Class Economy?
भारत में अब एक Rich vs. Poor Economy का माहौल बनता जा रहा है। अमीर और ज्यादा अमीर हो रहे हैं, लेकिन मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम ग्रुप्स के लिए आर्थिक हालात खराब होते जा रहे हैं। Top 10% अमीरों के पास देश की 77% दौलत है। FMCG और Consumer Companies की रिपोर्ट के अनुसार मिडिल-क्लास अब Luxury Products नहीं खरीद रहा। यह सच है कि देश में Luxury Brands, 5-Star Hotels, और Premium Services की डिमांड बढ़ी है, लेकिन सिर्फ अमीर लोगों में, मिडिल-क्लास के लिए ये सब चीज़ें अभी भी बहुत महंगी हैं। अगर सिर्फ टॉप 10% लोग ही खर्च कर सकते हैं और Middle-Class की आमदनी और खर्च घटता जा रहा है, तो भारत में Economic Growth का असली फायदा किसे मिल रहा है, आप अच्छे से समझ सकते हैं?
सरकार को क्या करना चाहिए?
अगर भारत की Economy को सच में मजबूत बनाना है, तो सिर्फ GDP नंबर बढ़ाने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए ज़रूरी है कि मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम ग्रुप्स की स्थिति सुधारी जाए। Inflation (महंगाई) को कंट्रोल करना होगा। Youth Employment को बढ़ाने के लिए नए सेक्टर्स में इन्वेस्टमेंट जरूरी है। Tax Reforms से मिडिल-क्लास का बोझ हल्का किया जाए। Rural और Urban India के बीच यह जो इकनोमिक गैप बना हुआ है, उसे दूर किया जाए।
सरकार कह रही है कि भारत जल्द ही दुनिया की टॉप 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। लेकिन जब 100 करोड़ लोग अपनी जरूरतों के अलावा कुछ भी खरीदने की हालत में नहीं हैं, तो यह ग्रोथ सिर्फ एक छलावा है, गरीबों और मिडिल क्लास को अँधेरे में रखने के लिए। सरकार को इस पर सोचने की जरूरत है कि क्या इसका फायदा सिर्फ बड़े बिजनेस हाउसेस और अमीर वर्ग को ही मिलेगा, जबकि आम जनता सिर्फ महंगाई और बेरोज़गारी से जूझती रहेगी? अगर सरकार को सच में भारत को एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाना है, तो उसे सिर्फ बड़े-बड़े आंकड़ों के खेल से बाहर निकलकर आम आदमी की ज़िंदगी बेहतर करने पर ध्यान देना होगा।
Latest News In Hindi
Instagram Algorithm Exposed: क्यों दिख रहा है ज्यादा Sensational Content?
अस्वीकरण: Dhara Live पर उपलब्ध लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए हैं, जिसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों से लिया गया है। हालाँकि हम सटीकता के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन हम जानकारी की पूर्णता, प्रामाणिकता या समयबद्धता की गारंटी नहीं देते हैं। व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत राय हैं और उन्हें कानूनी, वित्तीय या पेशेवर सलाह नहीं माना जाना चाहिए। पाठकों को निर्णय लेने से पहले तथ्यों को सत्यापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। Dhara Live इस सामग्री के आधार पर किसी भी नुकसान, गलत व्याख्या या कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं है।

A research-based writer, content strategist, and the voice behind Dhara Live. With 7+ years of experience in print and digital media, I specialize in creating stories that are not just informative, but also engaging, thought-provoking, and search-friendly.
Over the years, I’ve worked with media houses like Divya Himachal, created academic content for Chandigarh University, and written everything from YouTube explainers to press releases. But what drives me the most is writing content that sparks awareness, curiosity, and real conversations.
At Dhara Live, I focus on trending topics—from geopolitics, health, and finance to AI—all explained in details, the way we naturally speak and think. I believe every reader deserves content that is accurate, easy to understand, and never boring.