How To Be Job Ready: क्या तुम्हें लगता है टाइम है? “मैं अभी सिर्फ 20 का हूं यार, अभी टाइम है… डिग्री कम्प्लीट करने के बाद देख लेंगे… करियर तो बाद में सोचेंगे।” ये लाइन तुमने या तुम्हारे किसी दोस्त ने ज़रूर बोली होगी। और शायद अभी भी बोल रहा होगा। लेकिन एक सच बताऊं? टाइमपास का बिल सबसे महंगा पड़ता है – और वो 25 के बाद टेंशन बनकर आता है। जो आज ‘थोड़ा चिल कर लेते हैं’ सोच के रील्स स्क्रॉल कर रहे हैं, वही कल एक दिन सोच रहे होते हैं, “मेरे पास कोई स्किल नहीं है, जॉब कैसे मिलेगी?” और तब सिर्फ दुख और गिल्ट बचा होता है।
How To Be Job Ready: Reality Check
- भारत में हर साल लगभग 1 करोड़ स्टूडेंट्स ग्रेजुएशन करते हैं। (AISHE रिपोर्ट 2023)
- सिर्फ 15-20% ही इंडस्ट्री-रेडी होते हैं। (NSDC रिपोर्ट)
- 23-27 एज ग्रुप में बेरोज़गारी सबसे ज़्यादा है। (CMIE, 2023)
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 47-50% ग्रेजुएट्स प्रैक्टिकल स्किल्स की कमी की वजह से अनएम्प्लॉयेबल होते हैं। यानी लगभग 50% स्टूडेंट्स के पास sufficient स्किल्स नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती। (इंडिया स्किल्स रिपोर्ट) सोचो ज़रा… डिग्री लेने के बाद भी जॉब-रेडी नहीं होने का मतलब क्या है? सिर्फ कॉलेज जाना, असाइनमेंट बनाना, या सेमेस्टर क्लियर करना काफ़ी नहीं होता। जब तक तुम्हें रियल-वर्ल्ड स्किल्स और डायरेक्शन नहीं मिलेगी, डिग्री सिर्फ एक पेपर बनकर रह जाएगी।
Timepass Pattern
उम्र 17-20: “अभी तो स्कूल/कॉलेज स्टार्ट हुआ है, मज़े करते हैं। करियर का टेंशन बाद में।”
उम्र 21-22: “यार कुछ करना तो चाहिए, पर पता नहीं क्या। देखते हैं कोई कोर्स या जॉब।”
उम्र 23-25: “अब तो जॉब मिलनी चाहिए थी… सब कुछ ट्राय कर लिया, पर सिलेक्शन नहीं हो रहा… मैं इतना लेट क्यों हो गया?”
ये एक स्टोरी नहीं, ये एक पैटर्न है – जो हर तीसरा स्टूडेंट फॉलो कर रहा है बिना सोचे।और जब रियलाइज़ होता है, तब तक काफ़ी वक़्त निकल चुका होता है।
राहुल चंडीगढ़ का एक एवरेज बी.कॉम स्टूडेंट था। कॉलेज के 3 साल उसने बस चिल करते निकाले – न कोई इंटर्नशिप, न स्किल-बिल्डिंग, सिर्फ कॉलेज फेस्टिवल्स और दोस्तों के साथ मस्ती। ग्रेजुएशन के बाद उसने एमबीए के लिए अप्लाई किया, पर तब तक कॉम्पिटिशन इतना बढ़ चुका था कि उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। जब उसने जॉब्स के लिए अप्लाई किया, तो हर जगह से एक ही जवाब आया: “आपके पास ज़रूरी एक्सपीरियंस या स्किल्स नहीं हैं।” आज राहुल 26 का हो चुका है, और एक छोटे कॉल सेंटर में 15 हज़ार की जॉब कर रहा है। जबकि उसका एक जूनियर – जिसने 12वीं के बाद स्किल-बेस्ड कोर्स करके इंटर्नशिप की – अब ₹40,000+ कमा रहा है। मोरल? उम्र तुम्हारी सक्सेस तय नहीं करती, अवेयरनेस और एक्शन तय करता है।
जब करियर प्लानिंग लेट होती है, तो आपके आस-पास के लोग जॉब कर रहे होते हैं और आप कन्फ्यूज़ होते हो। स्किल न होने की वजह से जॉब मिलती भी है, तो सैलरी 10-15 हज़ार तक ही रहती है। जब कुछ समझ नहीं आता तो कोई भी जॉब पकड़ लेते हैं, चाहे उसमें इंटरेस्ट हो या न हो। जिससे होता है मेंटल स्ट्रेस और गिल्ट। बार-बार ये फीलिंग कि “काश पहले सोचा होता”. ऐसे ही 2-3 साल बिना डायरेक्शन के निकल जाते हैं, जो करियर में 10 साल का गैप बना देते हैं।
How To Be Job Ready? Solution
सबसे पहले अपने करियर के बारे में लिखना शुरू करो, तुम्हें किस फील्ड में इंटरेस्ट है? उस पर रिसर्च करो। एक स्किल चुनो और सीखना शुरू करो- डिज़ाइन, कोडिंग, कम्युनिकेशन, एक्सेल – कुछ भी जो काम का लगे। फ्री रिसोर्सेस का इस्तेमाल करो, यूट्यूब, कोर्सेरा, गूगल फ्री कोर्सेस – सब कुछ फ्री है, बस शुरू करना है। इंटर्नशिप या पार्ट-टाइम जॉब ढूंढो, एक्सपीरियंस के बिना जॉब नहीं मिलती, और जॉब के बिना एक्सपीरियंस नहीं। इस लूप को तोड़ने के लिए फ्री इंटर्नशिप भी करनी पड़े, तो करो।हर महीने का एक टारगेट तय करो- चाहे वो एक स्किल कम्प्लीट करना हो या एक सीवी बनाना – छोटे गोल्स, बड़ा बदलाव ला सकते हैं। लिंक्डइन जॉइन करो और अपडेट रखो, करियर के इकोसिस्टम से जुड़ना शुरू करो।
तुम टाइमपास नहीं हो, तुम फ्यूचर हो। ये आर्टिकल आपके अगेंस्ट नहीं, आपके लिए है। तुम्हारा कॉम्पिटिशन तुमसे ज़्यादा इंटेलिजेंट नहीं है – बस फर्क इतना है कि वो तुमसे पहले जाग गया है। जब तुम चिल कर रहे हो, तब कोई और अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल बना रहा है। जब तुम नेटफ्लिक्स देख रहे हो, तब कोई और ऑनलाइन कोर्स कर रहा है। तुम्हारे पास भी वही 24 घंटे हैं, पर उनका इस्तेमाल क्या करते हो, ये तुम्हारी चॉइस है। क्योंकि अगर आज नहीं किया, तो कल सिर्फ पछतावा मिलेगा।
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