Trending News of India: हाल के दिनों में ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस (HMPV) के मामले भारत में सामने आने के बाद चिंता बढ़ गई है। महाराष्ट्र के नागपुर में दो संदिग्ध मामलों की पुष्टि के साथ, अब तक कर्नाटक और गुजरात में तीन मामले सामने आए हैं। यह वायरस, जो 2001 में पहली बार पहचाना गया था, मुख्यतः सर्दियों और शुरुआती वसंत में फैलता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने इसे लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।
HMPV वायरस: क्या है और कैसे फैलता है?
HMPV एक श्वसन रोग फैलाने वाला वायरस है, जो मुख्यतः रिस्परेटरी ड्रॉपलेट्स (सांस की बूंदों) के जरिए फैलता है। यह वायरस न केवल बच्चों और बुजुर्गों को, बल्कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को भी प्रभावित कर सकता है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे हैं, लेकिन गंभीर मामलों में यह निमोनिया जैसी स्थिति पैदा कर सकता है।
- लक्षण:
- नाक बहना
- गले में खराश
- खांसी और जुकाम
- गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई
विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस का संक्रमण आमतौर पर 5-7 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है, और फिलहाल इसके लिए कोई विशेष वैक्सीन या दवा उपलब्ध नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में HMPV के 5 मामलों की पुष्टि की है। इनमें से दो मामले कर्नाटक में, एक गुजरात में, और दो संदिग्ध मामले महाराष्ट्र के नागपुर में पाए गए हैं।
- गुजरात: अहमदाबाद में एक 2 महीने के बच्चे में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
- कर्नाटक: दो मरीजों की पुष्टि हुई, हालांकि स्थिति नियंत्रण में है।
- नागपुर: दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनकी निगरानी की जा रही है।
केंद्र और राज्य सरकारों ने HMPV के प्रति सतर्कता बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “HMPV कोई नया वायरस नहीं है। घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्री रुषिकेश पटेल ने कहा कि सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य निगरानी और डायग्नोस्टिक सुविधाएं बढ़ाई गई हैं, ताकि संक्रमण के मामलों को समय पर पहचाना जा सके।
HMPV वायरस से बचाव के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि HMPV से बचने के लिए सामान्य स्वास्थ्य सावधानियां पर्याप्त हैं।
- हैंड हाइजीन: नियमित रूप से हाथ धोएं।
- भीड़ से बचाव: संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
- मास्क पहनें: विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले इलाकों में।
- खांसी और छींकने के समय सावधानी: खांसते या छींकते समय मुंह ढकें।
HMPV को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सामान्य संक्रमण पैदा करता है और आमतौर पर गंभीर नहीं होता। हालांकि, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। संक्रमित होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। भारत में मामले बढ़ने के साथ-साथ, चीन, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे देशों में भी HMPV के मामले दर्ज किए गए हैं। चीन में हाल के हफ्तों में HMPV के साथ-साथ अन्य श्वसन संक्रमणों में तेजी देखी गई है।
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे ILI (Influenza-Like Illness) और SARI (Severe Acute Respiratory Infections) की निगरानी बढ़ाएं। साथ ही, अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार करने और जागरूकता अभियानों पर जोर दिया गया है। HMPV कोई नया वायरस नहीं है, लेकिन इससे बचाव के लिए सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। भारत में स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह सतर्क है और संक्रमण के मामलों की निगरानी कर रही है। घबराने की बजाय, सावधानी और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करें।
Today’s Latest News
Top10 Richest Person In India: 2025 में कौन है भारत का सबसे बड़ा अमीर?

A research-based writer, content strategist, and the voice behind Dhara Live. With 7+ years of experience in print and digital media, I specialize in creating stories that are not just informative, but also engaging, thought-provoking, and search-friendly.
Over the years, I’ve worked with media houses like Divya Himachal, created academic content for Chandigarh University, and written everything from YouTube explainers to press releases. But what drives me the most is writing content that sparks awareness, curiosity, and real conversations.
At Dhara Live, I focus on trending topics—from geopolitics, health, and finance to AI—all explained in details, the way we naturally speak and think. I believe every reader deserves content that is accurate, easy to understand, and never boring.