Breaking News Today: लोकसभा में हाल ही में Rahul Gandhi ने Election Commission of India (ECI) पर सीधा सवाल उठाया। उनका आरोप था कि महाराष्ट्र के 2024 विधानसभा चुनावों में 70 लाख नए वोटर्स (Rahul Gandhi Exposes Voter Fraud) अचानक लिस्ट में जुड़ गए! यानी इतने लोग, जितने पुरे हिमाचल प्रदेश में रहते हैं, उतने वोटर इस लिस्ट में कैसे आ गए। इतना बड़ा नंबर कैसे हो सकता है, लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ। पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है। उन्होंने खासतौर पर Shirdi में 7,000 वोटर्स का एक ही बिल्डिंग एड्रेस पर रजिस्ट्रेशन को ‘red flag’ बताया। Gandhi का सवाल था कि पिछले 5 सालों में सिर्फ 32 लाख नए वोटर्स जुड़े, लेकिन अचानक 5 महीनों में 39-48 लाख नाम कैसे बढ़ गए? उन्होंने इसे ‘Ghost Voters’ और फ्रॉड एंट्री का संकेत बताया और ECI से ट्रांस्परेन्सी की डिमांड की है। अब यह कोई स्कैम है, या अलसियत, आइए जानते हैं।
Election Commission of India News
Rahul Gandhi के इस बयान को लेकर पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर चुनाव आयोग से जवाब माँगा। Shiv Sena (UBT) के Sanjay Raut और NCP की Supriya Sule ने इस मुद्दे पर संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि “वोटर लिस्ट की जांच में भारी गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। ECI से बार-बार वोटर लिस्ट का पूरा डेटा मांगा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दलित, ट्राइबल और अल्पसंख्यक समुदायों के कई वोटर्स का नाम हटा दिया गया। INDIA गठबंधन अब इस मुद्दे को संसद में मजबूती से उठाएगा।” वैसे यहीं पर भारत के इलेक्शन कमीशन पर भी डाउट हो रहा है।
Gandhi का कहना था – हम सिर्फ वोटर लिस्ट का डेटा चाहते हैं ताकि यह समझ सकें कि ये नए वोटर्स कौन हैं! हालाँकि केंद्र सरकार और ECI ने हमेशा की तरह Rahul Gandhi के आरोपों को किया खारिज! भाजपा और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया और इसे ‘राजनीतिक ड्रामा’ बताया। ECI का कहना है कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक पार्टियों की राय को ‘महत्व’ देता है। ECI जल्द ही पूरी प्रक्रिया और आंकड़ों की जानकारी लिखित में देगा। EPIC (Voter ID) में डुप्लिकेट एंट्रीज एक टेक्निकल इश्यू है, जिसे ठीक किया जाएगा।
“कांग्रेस का हारने पर Excuse”: BJP
Deputy CM Devendra Fadnavis बोले कि ये सिर्फ “excuse” है कांग्रेस की हार को जस्टिफाई करने का! BJP ने दावा किया कि नई वोटर लिस्ट में अचानक उछाल का कारण नए eligible वोटर्स का जुड़ना है। ECI पहले ही हर सवाल का जवाब दे चुका है, गांधी सिर्फ ‘political narrative’ बना रहे हैं। Fadnavis ने कहा – अगर राहुल गांधी झूठे बहाने बनाते रहेंगे, तो कांग्रेस का रिवाइवल कभी नहीं होगा। सरकार का साफ कहना है कि भारत का चुनाव तंत्र मजबूत है और कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है।
भारत में अब तक के Voter Fraud?
भारत में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा कोई नया नहीं है। पहले भी कई राज्यों में ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं!
- 2018 – Madhya Pradesh: कांग्रेस ने दावा किया कि 60 लाख फर्जी वोटर्स जोड़े गए!
- 2018 – Telangana: वोटर ID को Aadhaar से लिंक करने के चलते 30 लाख वोटर्स का नाम गलती से हट गया!
- 2022 – Karnataka: एक NGO के जरिए 6.7 लाख नाम हटाए गए और 3 लाख नए जोड़े गए।
- 2019 – Andhra Pradesh: YSR Congress ने दावा किया कि 60 लाख bogus वोटर्स रजिस्टर किए गए थे!
क्यों जरूरी हैं Electoral Reforms?
यानी वोटर लिस्ट में हेरफेर की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं और हर बार विपक्षी पार्टियाँ इसकी जांच की मांग उठाती हैं। ECI को हर साल Third-Party Audit कराना चाहिए, जिससे डुप्लिकेट और फर्जी वोटर्स को हटाया जा सके। ECI को Open Data Initiative लाना चाहिए, जिससे नागरिक अपने वोटर स्टेटस को ऑनलाइन चेक कर सकें। Election Commission को और Autonomous बनाना जरूरी है, ताकि किसी भी सरकार का उस पर प्रभाव न हो। Voter Awareness Campaigns को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि हर नागरिक अपने वोटर स्टेटस की जानकारी समय रहते हासिल कर सके।
अगर ये सुधार नहीं होते, तो चुनावी नतीजों पर हमेशा शक बना रहेगा! Rahul Gandhi का दावा सही है या सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा? इसका फैसला सर्फ़ तभी होगा, जब इलेक्शन कमिशन पूरी इनफार्मेशन को जनता का सामने रखता है, वरना सरकार और इलेक्शन कमिशन की वैधता पर हमेशा सवाल उठते रहेंगे।
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