Coca-Cola किस देश की है? जानिए इसकी Origin Story और Oreo के साथ नए Viral Flavour का सच

Latest News: Coca-Cola की शुरुआत वर्ष 1886 में अमेरिका के जॉर्जिया राज्य के अटलांटा शहर (Coca-Cola Origin Country) में हुई थी। इसे एक फार्मासिस्ट John Pemberton ने तैयार किया था। शुरुआत में यह एक दवा के रूप में पेश की गई थी, जिसे सिरदर्द और थकान दूर करने के लिए बेचा जाता था।

इसके नाम में ‘Coca’ का मतलब coca leaves से था और ‘Cola’ का मतलब kola nuts से, जिनमें प्राकृतिक रूप से कैफीन पाया जाता है। समय के साथ इसमें बदलाव हुए और यह एक refreshing soft drink के रूप में पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गई। आज Coca-Cola को लगभग 200 से ज़्यादा देशों में बेचा जाता है, और यह दुनिया की सबसे पहचानने योग्य ब्रांड्स में से एक है। कुछ देशों जैसे उत्तर कोरिया और क्यूबा में यह अब भी बैन है।

Coca-Cola Top Consumers?

Coca-Cola का सबसे ज़्यादा सेवन अमेरिका, मैक्सिको, भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों में होता है। भारत में भी यह ब्रांड बेहद लोकप्रिय है, खासकर युवाओं और शहरी इलाकों में। दिलचस्प बात ये है कि भारत में Thums Up और Maaza जैसे देसी ब्रांड भी अब Coca-Cola कंपनी के ही हिस्सा हैं। यह दिखाता है कि कंपनी ने भारतीय मार्केट को बखूबी समझते हुए अपने पोर्टफोलियो में लोकल फ्लेवर को शामिल किया है।

रोज़ Coca-Cola पीने से होने वाली बीमारियां?

Coca-Cola एक sugary soft drink है। एक नार्मल 330 ml केन में भी करीब 39 ग्राम शक्कर होती है, जो कि एक दिन में एक व्यक्ति को जितनी चीनी लेनी चाहिए, उससे कहीं अधिक है। Zero Sugar Coke जैसे विकल्प मार्केट में मौजूद हैं, लेकिन उनमें भी artificial sweeteners होते हैं, जिनके long-term प्रभावों पर अब भी रिसर्च जारी है। इसलिए अगर आप रोजाना Coca-Cola पीते हैं, तो आपको कई health risks का सामना करना पड़ सकता है:

  • मोटापा (Obesity): ज्यादा शक्कर से कैलोरी बढ़ती है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
  • डायबिटीज़ (Type 2 Diabetes): लगातार हाई शुगर लेने से ब्लड शुगर लेवल बिगड़ सकता है।
  • हड्डियों की कमजोरी: कोल्ड ड्रिंक्स में फॉस्फोरिक एसिड होता है, जो हड्डियों से कैल्शियम कम कर सकता है।
  • दिल की बीमारियां: शुगर और कैफीन की अधिक मात्रा हार्ट पर असर डाल सकती है।

Coca-Cola Oreo Flavour: क्यों मचा रहा है बवाल?

हाल ही में इंटरनेट पर एक नई खबर ने सबका ध्यान खींचा — Coca-Cola Oreo Flavoured Drink। यह एक limited edition drink है जिसे कुछ इंटरनेशनल मार्केट्स में टेस्टिंग के तौर पर लॉन्च किया गया है। इसमें Coke की पारंपरिक फ्लेवर और Oreo cookies की फ्लेवरिंग को मिलाया गया है।

यह नया फ्लेवर खासतौर पर Gen Z और ट्रेंड-सेवी यूजर्स को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसे लेकर ढेर सारे मीम्स, वीडियो रिएक्शन्स और taste टेस्ट शेयर किए जा रहे हैं। कुछ लोग इसे “strange but tasty” कह रहे हैं, वहीं कुछ इसे सिर्फ एक मार्केटिंग ट्रिक मान रहे हैं। भारत में यह फिलहाल officially लॉन्च नहीं हुआ है, लेकिन भारत में भी इसके वायरल होने की वजह curiosity और global exposure है।

Coca-Cola से जुड़ी कुछ रोचक बातें

Coca-Cola का original formula आज भी एक closely guarded trade secret है। कंपनी के पास 100 से भी ज्यादा variants हैं — जैसे vanilla, cherry, lime और अब Oreo! Coca-Cola पर water exploitation और plastic pollution को लेकर environmental groups ने समय-समय पर आलोचना की है।

Conclusion:

Coca-Cola का origin एक medicinal tonic के रूप में हुआ था, लेकिन समय के साथ यह taste और refreshment का symbol बन गया। आज यह एक global brand है जो हर उम्र के लोगों को आकर्षित करता है। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन आपकी सेहत पर सीधा असर डाल सकता है। Oreo फ्लेवर के साथ इसका नया edition curiosity और taste experimentation को बढ़ावा देता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर नया ट्रेंड आपके शरीर के लिए सही हो। ध्यान रखें — occasional enjoyment ठीक है, लेकिन रोजाना सेवन से health issues हो सकते हैं।

 

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