Budget 2025: किसे दिया Gift, और किसे किया Ignore? Business Owners और Startups के लिए क्या है Special?

Budget 2025: 1 फरवरी का दिन भारत के लिए बेहद ख़ास था, खासकर मिडिल क्लास के लिए, क्योंकि 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए इस वर्ग के लिए थोड़ी राहत का इंतज़ाम किया है। बजट में काफी चीज़ों का इंतज़ार था, लेकिन सबसे ज्यादा मिडिल क्लास के सैलरी लेने वाले लोगों के लिए बदलाव की बहुत उम्मीद थी। हालांकि सरकार ने नई कर व्यवस्था (new tax system) के तहत इनकम टैक्स में छूट देकर इस उम्मीद को पूरा करने की कोशिश की है।

आसान भाषा में समझें तो नई कर व्यवस्था के तहत मूल छूट सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है। जबकि वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती (standard deduction) को ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है। वहीँ हाउसिंग लोन को इंटरेस्ट डिडक्शन को पिछले ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख कर दिया गया है। लेकिन कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 

Budget 2025: किस सेक्टर को कितना बजट

बुनियादी ढांचा विकास/ Infrastructure development: इस बजट में सरकार ने सड़क, रेलवे और शहरी विकास सहित समेत पुरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 12 लाख करोड़ आवंटित किए हैं। जिसमें अगर स्मार्ट सिटी विकास की बात करें, तो इसके लिए 1.2 लाख करोड़ का अतिरिक्त फिनांनसिन की व्यवस्था की गयी है, जबकि हाईवे एक्सपैंशन के लिए हाईवे डेवलपमेंट फण्ड को पहले से 20% बढ़ाया गया है।

स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा: इसके तहत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा लाभ को अधिक नागरिकों तक पहुँचाने के लिए अतिरिक्त 50,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं। जिसके अनुसार कई राज्यों में नए एम्स अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएँगे। और अगर शिक्षा की बात करें, तो स्किल डेवलपमेंट और डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए दिए गए हैं। जबकि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की डिजिटल एजुकेशन तक पहुंच हो, इसके लिए डिजिटल एजुकेशन पहल को 20,000 करोड़ मिले हैं।

रोजगार और  स्किल डेवलपमेंट: देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम की ग्रोथ के लिए 10,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा नए स्टार्टअप शुरू हो सकें, इसलिए फाइनेंसियल सपोर्ट और असिस्टेंट प्रदान की जाएगी। और अगर स्किल डेवलपमेंट की बात करें, PM Kaushal Vikas Yojana का विस्तार करते हुए 15,000 करोड़ आवंटित किए गए हैं, ताकि युवाओं को आईटी और डिजिटल नौकरियों के लिए उचित ट्रेनिंग दी जा सके।

कृषि और ग्रामीण विकास: बजट में 5 लाख करोड़ रुपए खेती की तकनीकों को आधुनिक बनाने, MSP बढ़ाने और कृषि-तकनीक पर आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आवंटित किया है। सिंचाई के बुनियादी ढांचे और जल संरक्षण परियोजनाओं में सुधार के लिए 50,000 करोड़ आवंटित किया है, जबकि ग्रामीण भारत में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा फंडिंग को बढ़ाकर 1.2 लाख करोड़ रुपए किया गया।

डिजिटल इंडिया और AI investments: एआई फंड के तौर पर 1 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, ताकि AI इनोवेशन, स्टार्टअप और एआई-ड्रिवेन समाधानों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। इसके अलावा टियर-2 और टियर-3 शहरों में 5G में तेजी लाने के लिए 75,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, जबकि साइबर सिक्योरिटी और डेटा सिक्योरिटी को बेहतर बनाने के लिए 20,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। 

सरकार का लक्ष्य आगामी वित्तीय वर्ष में 8% जीडीपी ग्रोथ हासिल करना है। बजट में जीडीपी के 5.3% का राजकोषीय घाटा लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसका लक्ष्य बेहतर आर्थिक स्थिरता है। केंद्रीय बजट 2025 में मिडिल क्लास के लिए राहत है, इकोनॉमिक डेवलपमेंट पर आधारित है। बढ़ी हुई डिस्पोजेबल इनकम, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजिटल परिवर्तन पर मजबूत फोकस के साथ, बजट भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक सकारात्मक प्रक्षेपवक्र निर्धारित करता है। इन पहलों का कार्यान्वयन भारत के विकास और विकास पर इसके दीर्घकालिक प्रभाव को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगा।

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