Economic Survey 2025 Analysis: क्या है भारत की Economic Growth के लिए नया रास्ता?

Economic Survey 2025 आ गया है और इसमें बहुत कुछ इंटरेस्टिंग बातें बताई गई हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण किया गया है, जिसमें भारत की इकॉनमी का डीप एनालिसिस किया गया है। इसके अनुसार इस फाइनेंसियल ईयर में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5% से 7% के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। इससे यह पता चलता है कि यह पिछले साल से कम है, क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2% थी।

1) इस सर्वे से यह पता चला है कि ग्लोबल लेवल unpredictable था, फिर भी घरेलू कारक आर्थिक गति को बनाए रखने में महत्वपूर्ण रहे हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में बेहतर बैलेंस शीट से निवेश की मांग में वृद्धि की उम्मीद है।

2) वैश्विक व्यवधानों और मानसून परिवर्तनशीलता से प्रभावित मुद्रास्फीति के दबावों को प्रशासनिक और मौद्रिक हस्तक्षेपों के माध्यम से कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया गया है। वित्त वर्ष 23 में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 6.7% थी, लेकिन वित्त वर्ष 24 में घटकर 5.4% हो गई।

3) अब inflation की बात करें तो FY23 में retail inflation 6.7% थी, जो FY24 में 5.4% हो गई। यानी महंगाई पर सरकार ने कुछ हद तक कंट्रोल किया है। लेकिन global uncertainties की वजह से हमें अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।

Economic Survey का overall tone optimistic है। यह कहता है कि अगर structural reforms सही तरीके से किए गए, तो India की growth 7% से ज्यादा भी हो सकती है। India की economy सही direction में जा रही है, लेकिन अभी भी कुछ सुधार करने की जरूरत है। बस हमें innovation, investment और employment creation पर ध्यान देना होगा।

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