Digital Scams in India: आज हम एक ऐसी चीज के बारे में बात करते हैं जो भारत में एक बड़ी समस्या बनती जा रही है— डिजिटल स्कैम। आपको लगता होगा कि, “ओह, मैं घोटालों से बचने के लिए काफी समझदार हूँ,” लेकिन ये घोटालेबाज आपकी सोच से कहीं ज़्यादा चालाक हैं। आज डिजिटल स्कैम एक इंडस्ट्री बन चुके हैं, उम्मीद है आप लोगों ने Jharkhand की सिटी पर बनी Jamtara सीरीज तो जरूर देखि होगी। वो सिर्फ एक छोटा सा आईना है, जो दिखाता है कि कैसे ये घोटालेबाज़ आम लोगों की कमज़ोरियों का फ़ायदा उठा रहे हैं। तो, आइए जानें कि क्या हो रहा है, ऐसा क्यों हो रहा है, और सबसे महत्वपूर्ण बात, आप खुद को और अपने प्रियजनों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
हर 14 सेकंड में एक शिकायत
भारत अपार संभावनाओं वाला देश है, लेकिन घोटाले (Digital Scams in India) हमें पीछे धकेल रहे हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल सिर्फ़ 5 महीनों में, राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (National Cyber Crime Portal) पर डिजिटल स्कैम से जुड़ी 9.5 लाख शिकायतें दर्ज की गईं? यानी हर 14 सेकंड में एक शिकायत! घोटालेबाज सिर्फ़ पैसे नहीं चुरा रहे हैं; वे लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं, डर फैला रहे हैं और यहाँ तक कि उनकी इमेज को बर्बाद करने के लिए डीपफेक टेक्निक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इससे भी बुरी बात क्या है? ये घोटालेबाज अकेले काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इतना मजबूत नेटवर्क बना लिया है कि उन्हें ट्रेस करना मुश्किल है। भारत के लोग इन स्कैम का टारगेट बन रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं कि सिर्फ देश में बैठ कर यह स्कैमर लोगों को लूट रहे हैं। इनमें से कई घोटाले भारत के बाहर से शुरू होते हैं – जैसे पाकिस्तान, कंबोडिया और वियतनाम जैसी जगहों से। वे बेरोजगार युवाओं को नौकरी का वादा करके फुसलाते हैं, उनके पासपोर्ट छीन लेते हैं और उन्हें निर्दोष लोगों को ठगने के लिए मजबूर करते हैं। यह एक दुष्चक्र है और इसकी वजह से 2024 में भारत को हर दिन 60 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। जी हाँ, आपने सही पढ़ा – 60 करोड़ रुपये प्रतिदिन!
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
इस समय सबसे खतरनाक घोटालों में से एक डिजिटल अरेस्ट है। इसमें ऐसा होता है कि आपको किसी अननोन नंबर से कॉल आता है, और वो शख्स दावा करता है कि वो कोई पुलिस, कस्टम या सीबीआई अधिकारी है, और उसके बाद वो आपको कहता है कि आपको पुलिस अरेस्ट करने के लिए आ रही है, या आपको पुलिस स्टेशन जाना होगा। इससे बचने के लिए, वे आपसे वीडियो कॉल पर “गवाही” देने के लिए कहेंगे। कॉल के दौरान, वे आपको एक नकली पुलिस स्टेशन सेटअप दिखाएंगे, जिसमें एक वर्दीधारी “अधिकारी” और पृष्ठभूमि में गांधीजी की तस्वीर भी होगी। फिर वे घोषणा करेंगे कि आपको “डिजिटल रूप से गिरफ़्तार” किया गया है और आपको छोड़ने के लिए पैसे की मांग करेंगे। या फिर ऐसा कहेंगे कि आपके किसी सगे सम्बन्धी को उन्होंने अरेस्ट कर लिया है। इसका कारण वो कुछ भी बताते हैं, जैसे उनके पास ड्रग्स, अवैध सिम कार्ड या नकली दस्तावेज़ वरामद हुए हैं। कभी-कभी, वे कहते हैं कि अगर आप “समस्या का समाधान” करने के लिए बटन नहीं दबाते हैं, तो आपका फ़ोन एक घंटे में डिस्कनेक्ट हो जाएगा। एक बार जब आप कॉल पर होते हैं, तो वे आपको डराकर यह विश्वास दिलाते हैं कि आप गंभीर संकट में हैं। ऐसे घोटाले में लोगों ने लाखों, यहाँ तक कि करोड़ों भी गँवा दिए हैं। हाल ही के एक मामले में, अंकुश भगौना नामक एक कंटेंट क्रिएटर को 40 घंटे तक डिजिटल गिरफ़्तारी में रखा गया था! उसने अपनी कहानी शेयर करके लोगों को अवेयर करने का काम किया, लेकिन अभी भी कई पीड़ित डर या शर्म के कारण चुप रहते हैं।
इन घोटालों के कामयाब होने का एक और कारण जागरूकता की कमी है। बहुत से लोग अपने अधिकारों या पुलिस के काम करने के तरीके के बारे में नहीं जानते। उदाहरण के लिए, क्या आप जानते हैं कि ज्यादातर मामलों में पुलिस आपको बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं कर सकती? और अगर वे ऐसा करते भी हैं, तो उन्हें आपको 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा। ये बुनियादी अधिकार हैं जो हर नागरिक को पता होने चाहिए, लेकिन दुख की बात है कि हममें से ज्यादातर लोग नहीं जानते।
यह नहीं किया, तो अगला नंबर आपका!
कॉल करने वाले की पुष्टि करें: घोटालेबाज डर का सहारा लेते हैं। अगर आपको गिरफ़्तारी या कानूनी कार्रवाई की धमकी देने वाला कोई कॉल आता है, तो गहरी सांस लें और तार्किक रूप से सोचें। अगर कोई व्यक्ति पुलिस या किसी सरकारी विभाग से होने का दावा करता है, तो उससे FIR नंबर मांगें। आप अपने राज्य के E-FIR पोर्टल पर यह नंबर देख सकते हैं। अगर आपके खिलाफ कोई FIR नहीं है, तो यह निश्चित रूप से एक घोटाला है।
सुरक्षा सेटिंग सक्षम करें: WhatsApp पर, सेटिंग सेक्शन में जाएँ और अज्ञात नंबरों से वीडियो कॉल को डिसेबल करें। यह स्कैमर्स को वीडियो कॉल का उपयोग करके आपको हेरफेर करने से रोक सकता है।
अपने परिवार को शिक्षित करें: इस जानकारी को अपने परिवार के साथ साझा करें, खासकर घर के बुजुर्गों को, क्योंकि अवेयरनेस और एजुकेशन की कमी की वजह से उनके टारगेट होने के ज्यादा चांस हो सकते हैं।
तुरंत रिपोर्ट करें: अगर आपको किसी घोटाले का संदेह है, तो राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें। आप 13440 पर कॉल करके RBI को भी घोटाले की रिपोर्ट कर सकते हैं। जितनी जल्दी आप रिपोर्ट करेंगे, घोटालेबाज को रोकने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी।
घोटाले सिर्फ़ एक व्यक्तिगत समस्या नहीं हैं; वे एक राष्ट्रीय मुद्दा हैं। वे भारत की अर्थव्यवस्था को खत्म कर रहे हैं और डिजिटल सिस्टम में भरोसा खत्म कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, UPI – एक क्रांतिकारी भुगतान प्रणाली – को घोटालेबाजों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है जो चाहते हैं कि लोग डिजिटल लेनदेन में विश्वास खो दें और नकदी पर वापस जाएं। इससे केवल काला धन बढ़ेगा और भारत की प्रगति धीमी होगी। और अगर आपको कभी कोई नया घोटाला देखने को मिले, तो चुप न रहें। दूसरों को चेतावनी दें। साथ मिलकर, हम वापस लड़ सकते हैं और भारत को सभी के लिए एक सुरक्षित स्थान बना सकते हैं। आखिरकार, पछताने से बेहतर है कि सुरक्षित रहें।
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