Pakistan Air Pollution: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में गंभीर स्मॉग संकट के कारण स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है। लाहौर और मुल्तान जैसे प्रमुख शहरों में लॉकडाउन लगाया गया है, जिससे लगभग 20 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं। खराब वायु गुणवत्ता ने सांस की समस्याओं को बढ़ा दिया है, जिससे सरकार को स्कूल बंद करने और अन्य कड़े कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।
Lahore smog lockdown
लाहौर, जिसकी आबादी 1.1 करोड़ है, में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 600 तक पहुंच गया। यह स्तर स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्मॉग का मुख्य कारण वाहन उत्सर्जन, निर्माण कार्य, औद्योगिक गतिविधियां, और कृषि में पराली जलाना है।
पंजाब की वरिष्ठ प्रांतीय मंत्री मरियम औरंगजेब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपातकालीन कदमों की घोषणा की।
- शैक्षणिक संस्थान बंद: स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय अगले आदेश तक बंद रहेंगे। ऑनलाइन कक्षाओं को प्राथमिकता दी गई है।
- रेस्तरां और व्यवसाय: रेस्तरां को शाम 4 बजे तक बंद करने और केवल रात 8 बजे तक टेकअवे सेवा देने के आदेश दिए गए हैं।
- निर्माण कार्य पर रोक: लाहौर और मुल्तान में सभी निर्माण कार्य स्थगित कर दिए गए हैं।
- मेडिकल स्टाफ का अवकाश रद्द: सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं ताकि मरीजों की देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
Pakistan Air Pollution
डॉ. मुहम्मद अशरफ, जिन्ना अस्पताल लाहौर और अल्लामा इकबाल मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर, ने कहा कि यह स्थिति COVID-19 से भी अधिक गंभीर है। उनके अनुसार, लगभग हर मरीज को सांस की समस्या हो रही है, और संक्रमण बड़े पैमाने पर फैल रहा है। पाकिस्तान के मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि आने वाले दिनों में बारिश और तेज़ हवा की वजह से वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों ने सरकार से अपील की है कि स्मॉग के अधिक गंभीर होने से पहले सतर्कता बरती जाए और दीर्घकालिक उपाय किए जाएं।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्मॉग के चलते लागू किए गए आपातकालीन कदम एक महत्वपूर्ण चेतावनी हैं। वायु प्रदूषण का यह स्तर न केवल स्वास्थ्य के लिए बल्कि जनजीवन और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। क्या इन आपातकालीन उपायों से प्रदूषण पर काबू पाया जा सकेगा, या दीर्घकालिक रणनीतियों की आवश्यकता होगी? यह समय ही बताएगा।
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