Delhi-NCR Pollution: दिल्ली की हवा की गुणवत्ता (Air Quality) में लगातार गिरावट के चलते प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। पिछले तीन हफ्तों में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से 400 के बीच रहा है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इस स्तर पर हवा में मौजूद प्रदूषक कणों (pollutants) का सीधा असर सेहत पर पड़ता है। अधिकारियों ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए अब तक 5,000 से अधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया है और 300 से ज्यादा निर्माण स्थलों (construction sites) पर नियमों का उल्लंघन करने के लिए कार्रवाई की गई है।
कार्रवाई की डिटेल्स
प्रशासन ने कहा कि कुल 3,200 वाहनों को जब्त किया गया है जो पुराने और अधिक प्रदूषण फैलाने वाले थे, जबकि अन्य वाहनों पर औसतन 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव अनिवार्य किया गया है, और नियमों का पालन न करने पर प्रति साइट लगभग 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
स्वास्थ्य पर असर
दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 जैसे खतरनाक प्रदूषक कणों का स्तर भी पिछले दिनों में 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच चुका है, जो सुरक्षित सीमा से चार गुना अधिक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर का प्रदूषण श्वास संबंधी समस्याओं (respiratory issues) को गंभीर रूप से बढ़ा सकता है। बच्चों, बुजुर्गों, और श्वास या हृदय संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए ये स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है। डॉक्टर्स ने सलाह दी है कि लोग बाहर निकलने से बचें और अगर जरूरी हो, तो मास्क पहनकर ही निकलें।
सरकार का संदेश
प्रशासन का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सभी नागरिकों का सहयोग जरूरी है। दिल्ली सरकार ने जनता से अपील की है कि वे निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें, पब्लिक ट्रांसपोर्ट (सार्वजनिक परिवहन) का अधिक से अधिक उपयोग करें और सड़कों पर अनावश्यक कचरा न जलाएं। सरकार का मानना है कि इन नियमों का सख्ती से पालन कर प्रदूषण के स्तर में कुछ हद तक कमी लाई जा सकती है।
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