Pahalgam Terror Attack 2025: India Suspends Indus Water Treaty

India Suspends Indus Water Treaty: Pahalgam आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने तुरंत National Security को लेकर उच्च स्तर पर समीक्षा की।इस मीटिंग की अध्यक्षता की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, और इसमें भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित किया (India Suspends Indus Water Treat) और सुरक्षा से जुड़ी पाँच बड़ी और निर्णायक कार्रवाईयों पर मुहर लगाई। ये कदम सिर्फ सुरक्षा प्रतिक्रिया नहीं हैं, बल्कि रणनीतिक संदेश भी हैं।

1. India Suspends Indus Water Treaty

Indus Water Treaty, जो भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में World Bank की मदद से साइन हुई थी, उसे अब भारत ने “suspend” कर दिया है। मतलब – भारत अब Indus और उसकी सहायक नदियों पर control को फिर से define करेगा। ये फैसला साफ दर्शाता है कि अब भारत सिर्फ words नहीं, actions में भी assertive होता जा रहा है।

Indus Water Treaty क्या है?

Indus Water Treaty (IWT) भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में साइन की गई थी। इस ट्रीटी में World Bank मीडिएटर था, जिसके तहत, 6 नदियाँ—Indus, Jhelum, Chenab, Ravi, Beas और Sutlej—को बांटा गया। 3 पूर्वी नदियाँ (Ravi, Beas, Sutlej) भारत को दी गईं और 3 पश्चिमी नदियाँ (Indus, Jhelum, Chenab) पाकिस्तान के हिस्से में आयी थी! Treaty का उद्देश्य था – दोनों देशों के बीच water disputes को peacefully resolve करना और किसी भी तरह की water war को avoid करना। इस treaty को दुनिया की सबसे successful water sharing agreements में माना जाता रहा है, क्योंकि ये 60+ सालों तक चलती रही, भले ही भारत और पाकिस्तान में सम्बन्ध ख़राब ही क्यों न रहे।

Pahalgam terror attack के बाद, भारत ने इस treaty को “suspend” करने का फैसला लिया। इसका मतलब ये है कि अब भारत western rivers के flow पर control review कर सकता है, और ज़रूरत पड़ने पर Pakistan के हिस्से का पानी रोक भी सकता है—irrigation, dam construction, या diversion के ज़रिए। इस फैसले का geopolitical और environmental दोनों ही impacts हो सकते हैं। जहां एक तरफ पाकिस्तान इसे एक hostile move मान सकता है, वहीं भारत के पास ये भी तर्क है कि जब पानी की sharing शांतिपूर्वक coexistence पर आधारित हो और दूसरा पक्ष terrorism को support करे, तो treaty की fairness और relevance पर सवाल उठना लाज़मी है।

क्या भारत legally ऐसा कर सकता है?

हाँ, Treaty के अंदर कुछ clauses हैं, जो allow करते हैं कि अगर extraordinary circumstances हों, तो review किया जा सकता है। भारत ने पहले भी 2016 Uri attack के बाद इस पर re-evaluation की बात की थी, लेकिन तब बात review से आगे नहीं बढ़ी थी। 2025 में suspension का कदम पहली बार इतना बड़ा और official है।

असर क्या पड़ेगा?

Pakistan की agriculture heavily western rivers पर dependent है, खासकर Punjab और सिंध क्षेत्र में। India dams और hydropower projects तेज़ी से approve और build कर सकता है। Region में diplomatic tensions और बढ़ सकती हैं। Environmental concerns भी उठ सकते हैं—cross-border water ecosystems और biodiversity पर असर हो सकता है।

2. Attari Border हुआ बंद

Attari-Wagah Border, जो भारत-पाकिस्तान के बीच एक symbolic passage रहा है, उसे अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इससे tourism, diplomacy, और cultural exchange को बड़ा असर पड़ेगा। ये step साफ संकेत है कि आतंकवाद के खिलाफ zero tolerance policy में कोई diplomatic मजबूरी नहीं चलती।

Attari-Wagah Border, भारत और पाकिस्तान के बीच एक iconic और symbolic link रहा है। यह border सिर्फ geographical connection नहीं था, बल्कि एक diplomatic और cultural bridge भी था। यहाँ रोज़ का flag-lowering ceremony, joint parades और tourism activities एक तरह से दोनों देशों के बीच soft diplomacy का चेहरा थे। लेकिन Pahalgam terror attack 2025 के बाद, भारत सरकार ने इसे अस्थाई रूप से बंद करने का फैसला किया। यह कदम CCS द्वारा लिए गए उन फैसलों का हिस्सा है, जिनमें zero tolerance towards terrorism को दिखाया गया है। Border बंद करना सिर्फ एक physical barrier नहीं है, बल्कि ये एक political और symbolic message है – कि जब तक terrorism जारी रहेगा, dialogue और connectivity suspend रहेगी।

इसका क्या असर होगा?

Tourism पर असर पड़ेगा, खासकर अमृतसर और लाहौर के visitors के लिए। Joint cultural programs और people-to-people initiatives पर ब्रेक लग गया।वहीँ Business और trade exchanges जो इस route से होते थे, अब रुक जायेंगे, जब तक दोबारा यह बॉर्डर खोला नहीं जाता। हालाँकि इस closure का मतलब ये नहीं कि भारत ने हमेशा के लिए diplomacy बंद कर दी है, बल्कि ये एक loud and clear message है: शांति की बात तभी होगी, जब terrorism की कोई गुंजाइश नहीं बचेगी।

3. MFN Status रद्द किया

भारत ने पाकिस्तान को दिया गया Most Favoured Nation (MFN) status officially खत्म कर दिया है। अब पाकिस्तान से आने वाले goods पर higher tariffs लग सकते हैं या total ban भी लग सकता है। इसका सीधा असर bilateral trade relations पर पड़ेगा।

Pakistan के साथ trade का अंत?

Most Favoured Nation (MFN) status एक ऐसा economic label होता है, जिसे किसी देश को दिया जाए तो उसका मतलब होता है कि उसे सबसे ज़्यादा trade benefits मिलेंगे – जैसे कम tariffs, बेहतर access और बिना discrimination के business opportunities। भारत ने पाकिस्तान को ये MFN status WTO commitments के तहत 1996 में दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने कभी भारत को ये status return में नहीं दिया।

Pahalgam हमले के बाद, CCS द्वारा लिए गए निर्णयों में एक बड़ा economic step था – MFN status को officially खत्म करना। भारत ने ये signal दिया कि जो देश लगातार terrorism को shelter देता है, उसके साथ preferential trade का कोई मतलब नहीं बचता।

इसका क्या असर होगा?

भारत अब पाकिस्तान से आने वाले goods पर higher import duties लगा सकता है या total ban भी enforce कर सकता है। Bilateral trade जो पहले ही limited था, अब ख़त्म हो सकता है। पाकिस्तान की struggling economy के लिए ये एक और झटका है, क्योंकि पाकिस्तान के लिए इंडिया एक बड़ा potential market रहा है।

क्या इससे भारत को भी नुकसान है?

थोड़ा बहुत – कुछ Indian traders जो Pakistan origin goods (like cement, textiles, fruits) import करते थे, उन्हें alternate markets तलाशने पड़ेंगे। लेकिन national sentiment और strategic intent को देखते हुए, ये sacrifice जनता को acceptable लग सकता है।

4. Strategic strike की उम्मीद

CCS ने Armed Forces को “full operational freedom” दिया है। मतलब – जरूरत पड़ने पर army और air force किसी भी जरूरी strategic strike के लिए स्वतंत्र हैं। इससे साफ है कि military action अब सिर्फ react नहीं करेगा, बल्कि preemptive strategy पर भी काम हो सकता है।

5. विश्व स्तर पर पाकिस्तान होगा एक्सपोज़

भारत ने United Nations और अन्य strategic partners के साथ diplomatic level पर engagement बढ़ा दी है। इसके तहत global forums में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद को highlight किया जाएगा। साथ ही global opinion को mobilize किया जाएगा ताकि international pressure create हो सके।

Pahalgam Terror attack एक wake-up call था, और सरकार ने जो decisions लिए हैं वो केवल symbolic नहीं, बल्कि strategic हैं। Indus Water Treaty को रोकना, Attari border बंद करना, और armed forces को full freedom देना दिखाता है कि भारत अब हर मोर्चे पर prepared और assertive है।

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