Interesting Lesser Known Facts: होली सिर्फ रंगों और मस्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे ब्रेन, इमोशन्स और बिहेवियर (Holi and Brain Science) पर भी जबरदस्त असर डालती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली (Holi 2025) के रंग आपकी मेन्टल स्टेट को कैसे बदल देते हैं? क्यों लाल रंग आपको गुस्सैल और एग्रेसिव बना देता है? क्यों नीला रंग दिमाग को शांत कर देता है? क्यों पीला रंग खुशी और पॉजिटिविटी को बढ़ा देता है? और भांग पीते ही दिमाग क्यों ट्रांस में चला जाता है? चलो, साइंस की मदद से इस रंगीन खेल का राज़ खोलते हैं!
रंगों का Psychological Effect?
🔴 लाल रंग: आग, जोश और एग्रेसन
रेड कलर आपका हार्ट रेट बढ़ा देता है, ब्लड प्रेशर तेज़ कर देता है और अड्रेनालिन (adrenaline) रिलीज़ करता है। यही कारण है कि यह गुस्से, जोश और कॉम्पिटीशन को बढ़ाता है। रिसर्च के अनुसार, लाल रंग में लोग ज्यादा जल्दी फैसले लेते हैं और ज्यादा कॉन्फिडेंट फील करते हैं। (Source: Psychological Science, 2007). यही वजह है कि स्पोर्ट्स, पॉलिटिक्स और वार जैसी सिचुएशन्स में रेड को पावरफुल रंग माना जाता है। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक होली पर 30% ज़्यादा झगड़े और लड़ाई-झगड़े लाल रंग में रंगे लोगों के बीच होते हैं।
🔵 नीला रंग: शांत दिमाग और रिलैक्सेशन
जब आप ब्लू देखते हैं, तो आपके ब्रेन में सेरोटोनिन (serotonin) का लेवल बढ़ जाता है, जिससे स्ट्रेस लेवल कम होता है और माइंड कूल रहता है। यही वजह है कि मेडिटेशन स्पेसेज़, स्पा और कॉर्पोरेट ब्रांडिंग में ब्लू कलर का ज़्यादा इस्तेमाल होता है। साइंटिफिक स्टडीज में पाया गया कि ब्लू लाइट में काम करने वाले लोग ज्यादा फोकस्ड और प्रोडक्टिव होते हैं। (Source: University of British Columbia, 2009).
🟡 पीला रंग: खुशी और एनर्जी का बूस्टर!
येलो ब्रेन में डोपामिन (dopamine) रिलीज करता है, जो हैप्पी हार्मोन है और आपकी एनर्जी को बूस्ट करता है। रिसर्च में पाया गया कि पीला रंग देखते ही लोग ज्यादा सोशल और फ्रेंडली फील करने लगते हैं। (Source: Journal of Consumer Research, 2011). यही कारण है कि रेस्टोरेंट्स और बच्चों के खिलौनों में पीले रंग का इस्तेमाल ज्यादा होता है। ज़्यादातर महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में अपराधी पीले, लाल और गुलाबी रंग में होते हैं। (Source: Delhi NCRB Data, 2023)
Holi and Brain Science: भांग और शराब?
भांग का साइंटिफिक असर: भांग में मौजूद THC (Tetrahydrocannabinol) ब्रेन के एंडोकैनाबिनोइड सिस्टम को एक्टिवेट करता है, जिससे इंसान रिलैक्स और हैप्पी महसूस करता है! ज्यादा डोज लेने से रीजनिंग और मोटर स्किल्स (सोचने और मूवमेंट की क्षमता) स्लो हो जाती है। यही कारण है कि भांग पीने के बाद लोग हंसने लगते हैं, लड़खड़ा कर चलते हैं और टाइम का सेंस खो देते हैं। (Source: National Institute on Drug Abuse, USA).
अल्कोहल आपके ब्रेन के prefrontal cortex को स्लो कर देता है, जो आपकी self-control और decision-making के लिए ज़िम्मेदार है। इसका असर यह होता है कि लोग inhibition (संकोच) खो देते हैं और अजीब बिहेव करने लगते हैं। होली पर शराब पीने के कारण 70% एक्सीडेंट्स और छेड़छाड़ के केस होते हैं। (Source: Crime Records Bureau, India).
लोग Deindividuation Effect का शिकार?
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि एक साइकोलॉजिकल फिनॉमेनन भी है। जब चेहरे रंगों से ढक जाते हैं, तो लोग अपनी पहचान छुपी हुई महसूस करते हैं और ज्यादा बेबाक हो जाते हैं। इसे Deindividuation Effect कहा जाता है—जहाँ भीड़ में इंसान अपनी पर्सनल रिस्पॉन्सिबिलिटी भूलकर ज्यादा एक्सप्रेसिव और कई बार बेकाबू हो जाता है। यही कारण है कि होली पर लोग कुछ ऐसा कर बैठते हैं, जो वे नॉर्मल दिनों में कभी नहीं करते! (Source: Festive Behavior and Crowd Psychology, American Journal of Sociology, 1998). महिलाओं के खिलाफ अपराध होली में 50% ज्यादा बढ़ जाते हैं।
Real Crime Story on Holi?
- उत्तर प्रदेश, 2022: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक होली पार्टी में सब कुछ अच्छा चल रहा था—गुलाल उड़ रहा था, ठंडाई चल रही थी, डीजे पर लोग नाच रहे थे। लेकिन अचानक एक छोटी सी बहस ने इस त्योहार को हिंसा के रंग में रंग दिया। रंग लगाने को लेकर दो गुटों में झगड़ा हुआ। बात बढ़ी और देखते ही देखते लाठी-डंडे और फिर गोलियां चलने लगीं। चार लोग घायल हुए और एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन अपराधियों को बेल मिल गई। इस इंसिडेंट में एक परिवार ने अपना बेटा खो दिया, जो बस अपने दोस्तों के साथ होली खेलने गया था।
- दिल्ली, 2023: होली के दिन महिलाओं के खिलाफ अपराध दोगुने हो जाते हैं? एक ऐसा ही इंसिडेंट 2023 में दिल्ली में हुआ था, जब एक लड़की अपने दोस्तों के साथ होली खेलने निकली थी, लेकिन सड़क पर कुछ लड़कों ने उसे रोक लिया। “बुरा न मानो होली है!”—कहकर जबरदस्ती रंग फेंका, गले लगाया और बदसलूकी की। वो लड़की चिल्लाती रही, लेकिन भीड़ हंसती रही! किसी ने मदद नहीं की। बाद में उसने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई, लेकिन अपराधी भाग गए और किसी को सजा नहीं मिली।
- मुंबई, 2021: होली और भांग का रिश्ता पुराना है, लेकिन आजकल ये त्योहार एक ड्रग पार्टी में बदलता जा रहा है। 2021 में, मुंबई के एक पॉश इलाके में होली पार्टी के दौरान कोकीन, LSD, और MDMA जैसे हाई-लेवल ड्रग्स मिले। तीन लोगों को बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। पांच लड़कों को अरेस्ट किया गया। इस पार्टी में बॉलीवुड के कुछ बड़े नाम भी शामिल थे!
क्या ये वही होली है जिसे हम बचपन से खेलते (Holi and Brain Science) आ रहे हैं? हर साल 1000+ सड़क दुर्घटनाएँ शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से होती हैं। अस्पतालों में 30% ज्यादा केस ड्रग ओवरडोज और मारपीट के कारण आते हैं। होली पर दंगों और झगडे सामान्य दिनों के मुकाबले 3 गुना ज्यादा बढ़ जाते हैं। दिल्ली पुलिस के अनुसार होली के दौरान छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न के मामले 40% तक बढ़ जाते हैं। पब्लिक प्लेसेस में महिलाओं के खिलाफ अपराध सबसे अधिक रिपोर्ट किए जाते हैं। ज्यादातर घटनाओं में अपराधी शराब या नशे में होते हैं।
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