Nvidia Quantum Day 2025: 20 मार्च 2025 को, Nvidia अपना पहला ‘Quantum Day’ मनाने जा रहा है, जो GTC 2025 कॉन्फ्रेंस का ही एक पार्ट है। इस इवेंट में Quantum Computing से जुड़े कई अहम् मुद्दों पर चर्चा होगी, जैसे इसकी डेवलपमेंट, और फ्यूचर में क्या पॉसिब्लीटी हैं। हाल ही में, Nvidia के CEO Jensen Huang ने Quantum Computing को लेकर एक कमेंट किया था, उन्होंने इसे काफी पॉजिटिव चेंज कहा था, पूरी दुनिया के लिए और इसी लिए इस इवेंट को इतना खास माना जा रहा है। खैर इस इवेंट में क्या होगा, यह तो 20 मार्च को पता चलेगा, लेकिन आज हम Quantum Computing से लगभग हर बड़ी इनफार्मेशन के बारे में बात करेंगे, जैसे इसका इतिहास, Quantum Computing क्या है, दुनिया पर इसका प्रभाव, इसके खतरे, Quantum कंप्यूटर किन देशों के पास है, इसकी कीमत क्या है आदि। आइए जानते हैं।
Quantum Computing क्या है? (What is Quantum Computing?)
Quantum Computing एक ऐसी मॉडर्न कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी है, जो ट्रेडिशनल कंप्यूटरों की तुलना में कई गुना तेज और बेहतर आउटपुट दे सकती है। जहां क्लासिकल कंप्यूटर 0 और 1 (बाइनरी कोड) पर बेस्ड होते हैं, वहीं Quantum Computers ‘Qubits’ (Quantum Bits) का उपयोग करते हैं।
- क्लासिकल कंप्यूटर एक समय में एक ही कार्य करता है।
- Quantum कंप्यूटर एक ही समय में कई कार्य कर सकता है, जिससे यह बहुत तेज होता है।
- Quantum Superposition और Entanglement जैसी टेक्नोलॉजी इसे और भी पावरफुल बनाती हैं।
- Quantum Computing का उपयोग AI, Cryptography, Medicine, Space Exploration, और Financial Markets में किया जा सकता है।
Quantum Computing का इतिहास?
Quantum Computing नई चीज़ नहीं है, 1980 के दशक में ही इसकी चर्चा और इनोवेशन शुरू हो गई थी। 1981 में, Richard Feynman ने पहली बार Quantum Computing का कांसेप्ट दिया था। 1994 में, Peter Shor ने एक Quantum Algorithm विकसित किया, जो क्लासिकल कंप्यूटर की तुलना में Factorization को बहुत तेज बना सकता था। 2011 में, D-Wave Systems ने पहला Commercial Quantum Computer लॉन्च किया। 2019 में, Google ने ‘Quantum Supremacy’ का दावा किया, जिसमें उनका Quantum Computer पारंपरिक सुपरकंप्यूटर से ज्यादा तेज निकला। 2023 में, IBM ने 433-Qubit Quantum Processor ‘Osprey’ लॉन्च किया।
Quantum Computing का असर?
- Cryptography & Cybersecurity: Quantum Computing कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इसका सबसे बड़ा असर Cryptography & Cybersecurity पर होगा, क्योंकि Quantum Computers मौजूदा Encryption Systems को आसानी से तोड़ सकते हैं, जिससे आने वाले टाइम में कंपनियों को और भी तगड़ी सिक्योरिटी की जरूरत पड़ेगी। सरकारें Quantum-Safe Encryption पर काम कर रही हैं।
- Healthcare: हालाँकि इसका पॉजिटिव इम्पैक्ट भी बहुत होगा, क्योंकि Quantum Computing की मदद से नई दवाओं और वैक्सीन को तेजी से विकसित किया जा सकता है। यह DNA Analysis और Cancer Treatment को और बेहतर कर सकता है।
- Artificial Intelligence (AI): Quantum Computing AI को और भी तेज और स्मार्ट बना सकता है। Google और IBM Quantum AI पर बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं।
- Financial Modeling: AI का यूज़ शेयर मार्किट में पहले से हो रहा है। Stock Market और Risk Analysis में Quantum Algorithms का उपयोग Financial Decisions को और सटीक बना सकता है।
- Climate Change & Weather Forecasting: Quantum Computing से जलवायु परिवर्तन और मौसम की भविष्यवाणी अधिक सटीक हो सकेगी।
दुनिया के Quantum Computers?
Google ने 2019 में 53-Qubit Quantum Computer ‘Sycamore’ विकसित किया था। IBM ने 2023 में 433-Qubit Quantum Processor ‘Osprey’ लॉन्च किया। China के पास ‘Jiuzhang’ Quantum Computer है, जो Quantum Supremacy का दावा करता है। D-Wave ने Commercial Quantum Computers विकसित किए हैं, जिनका उपयोग कई कंपनियाँ कर रही हैं।
Quantum Computing के खतरे (The Dark Side of Quantum Computing)
Quantum Computing के फायदे तो बहुत हैं, लेकिन इससे कई खतरे भी हैं। Cybersecurity Threat सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि Quantum Computers पारंपरिक Encryption Systems को आसानी से तोड़ सकते हैं। Job Displacement हो सकती है। कई AI और डेटा प्रोसेसिंग जॉब्स खतरे में आ सकती हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ रेपेटिटिव टास्कस रेप्लस होने की पॉसिब्लिटी है। मान लो जैसे डाटा एंट्री, डॉक्यूमेंटेशन जैसे रेपेटिटिव टास्क कंप्यूटर ज्यादा स्पीड और एक्यूरेसी के साथ कर सकता है। Quantum Computers के लिए बहुत महंगे सिस्टम और ठंडी जगह की जरूरत होती है, जो इस वक्त इसकी एक्सपेंशन में बड़ा चैलेंज बना हुआ है। हालाँकि Quantum Computing का गलत उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तिगत डेटा की चोरी में हो सकता है।
Quantum Computer की कीमत? (Price of Quantum Computer)
Quantum Computers अभी बहुत महंगे हैं। IBM और Google के Quantum Systems की कीमत करोड़ों डॉलर में है। D-Wave का Commercial Quantum Computer लगभग $15 मिलियन (125 करोड़ रुपये) का है। Quantum Computing अभी मुख्य रूप से रिसर्च और मिलिट्री उपयोग के लिए सीमित है। यह इतने कॉस्टली हैं और सिक्योरिटी कारणों की वजह से हर किसी के लिए अवेलेबल होने में बहुत साल लग जायेंगे।
Nvidia Quantum AI और Quantum Simulations में टॉप कंपनी है! इसने cuQuantum नाम के सॉफ़्टवेयर फ्रेमवर्क लॉन्च किया था, जिससे Researchers Quantum Simulations कर सकते हैं। IBM और Google के साथ Collaborations Nvidia की Quantum Computing स्ट्रेटिजी का अहम हिस्सा हैं। Quantum Computing साइंस की दुनिया में सबसे बड़ा बदलाव ला सकता है, लेकिन अभी इसमें कई तकनीकी चुनौतियाँ हैं। Nvidia का Quantum Day इस विषय को गहराई से एक्सप्लोर करने का एक बेहतरीन अवसर होगा। Quantum Computing के आने से AI, Data Security, Healthcare और Space Research में नए इनोवेशन होंगे। लेकिन, Ethical और Security Challenges भी बढ़ेंगे।
FAQ
क्या भारत के पास Quantum Computer है?
भारत में अभी Quantum Computers नहीं हैं, लेकिन भारत ने 2020 में National Quantum Mission लॉन्च किया था। IISc Bangalore, IITs और DRDO Quantum Computing पर काम कर रहे हैं। 2023 में, TCS और IBM ने भारत में Quantum Research Hub खोला। भारत सरकार ने 8000 करोड़ रुपये Quantum Research के लिए आवंटित किए हैं।
दुनिया का सबसे तेज Quantum Computer?
Google का Sycamore Quantum Processor सबसे तेज़ माना जाता है। China के पास ‘Jiuzhang’ Quantum Computer है, जो बेहद तेज है। वहीँ IBM का ‘Eagle’ Quantum Processor (127 Qubits) भी बहुत पावरफुल है।
NASA ने Quantum Computing को क्यों रोका?
हालाँकि नासा ने इसे रोक दिया था। NASA और Google मिलकर Quantum Computing पर काम कर रहे थे। लेकिन, NASA ने 2023 में Quantum Research को धीमा कर दिया, क्योंकि Quantum Hardware अभी भी अनस्टेबल था और व्यावहारिक उपयोग के लिए तैयार नहीं था। Quantum Computing के लिए अत्यधिक ठंडे तापमान (Absolute Zero) की जरूरत होती है, जो NASA के कई मिशनों में बाधा बन सकता था। यह टाइम टेकिंग प्रोसेस है।
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