Mahakumbh 2025 Highlights: PM Modi ने कहा “Mahayagya of Unity”; जानिए क्यों था ख़ास?

Mahakumbh 2025 Highlights: महाकुंभ 2025 की गूंज अभी भी पूरे देश और दुनिया में सुनाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक आयोजन को ‘Mahayagya of Unity’ बताते हुए इसकी भव्यता की सराहना की। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज में इस धार्मिक आयोजन को यादगार बनाने के लिए कई बड़े कदम उठाए। लेकिन महाकुंभ सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि इसमें राजनीति, संस्कृति और सामाजिक बदलाव का भी बड़ा प्रभाव देखने को मिला।

महाकुंभ क्यों इतना खास है?

हर 12 साल में आयोजित होने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक मेला है। यह गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर लाखों श्रद्धालुओं, संतों, नागा बाबाओं और अखाड़ों के महामंडलेश्वरों को एक साथ लाता है। यह आयोजन सिर्फ धार्मिक स्नान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक शक्ति का भी प्रतीक है। महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि यहाँ डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं। इस बार के महाकुंभ को इतिहास का सबसे भव्य आयोजन बताया गया, जिसकी तैयारियों पर सरकार ने हजारों करोड़ रुपये खर्च किए।

महाकुंभ 2025 – क्या खास रहा इस बार?

स बार का महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक चला और इसमें करोड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे भव्य बनाने के लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर और सिक्योरिटी अपग्रेड्स किए। लाखों श्रद्धालुओं के लिए हाई-टेक टेंट सिटी बनाई गई, जिसमें आधुनिक सुविधाएँ दी गईं। बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम लगाया गया था, प्रयागराज में नए फ्लाईओवर, एक्सप्रेसवे और स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई। सिक्योरिटी के लिए AI-इनेबल्ड CCTV, ड्रोन सर्विलांस और 24/7 सिक्योरिटी कंट्रोल सिस्टम लागू किया गया। डिजिटल महाकुम्भ काफी ख़ास था, पहली बार डिजिटल दर्शन, ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के साथ साथ डिजिटल स्नान की फेसिलिटी का फायदा भी लोग उठा रहे थे। ग्रीन इनिशिएटिव्स के तहत प्लास्टिक बैन, कचरा का मैनेजमेंट और सोलर लाइट्स जैसी पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों को अपनाया गया।

महाकुंभ और राजनीति?

महाकुंभ सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि राजनीति का भी बड़ा मंच बन चुका है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहाँ 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद यह महाकुंभ हुआ, इसका राजनीतिक महत्व और भी बढ़ गया। PM मोदी और बीजेपी ने इस आयोजन को हिंदू एकता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के रूप में प्रस्तुत किया।योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे उत्तर प्रदेश के विकास और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के मौके के रूप में इस्तेमाल किया। कई राजनीतिक दलों के नेता और संत महात्मा इस दौरान अपने विचार रखते नजर आए, जिससे महाकुंभ का राजनीतिक महत्व और बढ़ गया।

इसे अब तक का सबसे डिजिटल और हाई-टेक महाकुंभ कहा गया है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएँ दी गईं। सुरक्षा के लिए पूरी तरह से AI-इनेबल्ड मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया गया। सस्टेनेबल और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर ज्यादा फोकस किया गया। दुनियाभर से करोड़ों लोग यहाँ आए, जिससे होटल, ट्रांसपोर्ट, और लोकल बिजनेस को बड़ा फायदा हुआ। महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि आध्यात्म, संस्कृति, टूरिज्म और राजनीति का एक अनूठा संगम भी था।

Latest News in Hindi

Bihar Teacher Suspension: क्या सरकारी नौकरी में Free Speech Possible है?

 

अस्वीकरण: Dhara Live पर उपलब्ध लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए हैं, जिसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों से लिया गया है। हालाँकि हम सटीकता के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन हम जानकारी की पूर्णता, प्रामाणिकता या समयबद्धता की गारंटी नहीं देते हैं। व्यक्त किए गए विचार व्यक्तिगत राय हैं और उन्हें कानूनी, वित्तीय या पेशेवर सलाह नहीं माना जाना चाहिए। पाठकों को निर्णय लेने से पहले तथ्यों को सत्यापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। Dhara Live इस सामग्री के आधार पर किसी भी नुकसान, गलत व्याख्या या कार्रवाई के लिए उत्तरदायी नहीं है।

Leave a Comment