Indian Railways Overcharging Scam: MRP पर ₹5 Extra; यात्रियों को लूटने का नया तरीका; जानिए अपने अधिकार

Indian Railways Overcharging Scam: “सर, पानी की बोतल का MRP ₹15 है, फिर आप ₹20 क्यों मांग रहे हैं?” यह सवाल रोज़ाना हजारों पैसेंजर रेलवे स्टेशनों और बस स्टॉप पर पूछते हैं, जब स्टाफ उन्हें एमआरपी से ज्यादा कीमत पर पानी या स्नैक्स बेचते हैं। 2022 में ₹5 एक्स्ट्रा चार्ज को लेकर रेलवे में इतना विवाद हुआ कि न केवल ठेकेदार पर ₹1 लाख का जुर्माना लगा, बल्कि सरकार की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े हो गए। बावजूद इसके यह प्रॉब्लम खत्म नहीं हुई। और यह परेशानी सिर्फ रेलवे में ही नहीं है, बल्कि बस अड्डों और हाईवे ढाबों पर भी यही हाल है।

Contractor को 1 लाख रुपए जुर्माना

दिसंबर 2022 में एक यात्री ने IRCTC के हेल्पलाइन नंबर 139 पर शिकायत दर्ज कराई कि कैटरिंग स्टाफ ने उससे ₹5 अतिरिक्त लिए। इसका नतीजा यह हुआ कि IRCTC ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे पैसे वापस दिलवाए और ठेकेदार पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया। लेकिन फरवरी 2025 में फिर से वही घटना दोहराई गई, जब एक यात्री को रेलवे स्टाफ से बहस करनी पड़ी क्योंकि उससे ₹5 अधिक मांगे गए। मतलब यह समस्या अभी भी बनी हुई है।

कितनी बड़ी लूट है यह ₹5 का खेल?

एक सिंपल कैलकुलेशन से समझते हैं। मान लो रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा लोग रेलवे से ट्रेवल करते हैं। यदि इनमें से कम से कम 50% यात्रियों से भी ₹5 एक्स्ट्रा चार्ज लिए जाएं, तो हर दिन ₹5 करोड़ रुपए का घोटाला है। और हर महीने के हिसाब से ₹150 करोड़ और साल भर में ₹1,800 करोड़ का स्कैम! अब सोचिए, यह केवल रेलवे में हो रहा है। यदि इसमें बस अड्डे, हाइवे ढाबे सब जोड़ दिए जाएं, तो यह स्कैम कई हजार करोड़ में पहुंच सकता है।

स्टाफ क्यों लेता है एक्स्ट्रा पैसे?

  • वेंडर्स की मनमानी: कई स्टेशनों और बस स्टॉप पर दुकानदार यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाकर MRP से अधिक पैसे वसूलते हैं।
  • मॉनिटरिंग की कमी: रेलवे और बस स्टॉप पर ओवरचार्जिंग रोकने के लिए कुछ किया नहीं जाता। स्टाफ क्या कर रहा है, मॉनिटर करने के लिए कोई अफसर नहीं होता। अगर होते हैं, तो शायद वो भी इसका हिस्सा हैं, इसलिए यह प्रॉब्लम ख़त्म नहीं हो रही।
  • कॉन्ट्रैक्ट्स में भ्रष्टाचार: कोई सेक्टर कॉन्ट्रैक्टर्स के भ्रष्टाचार से नहीं बचा है। कई बार रेलवे कैटरिंग और बस स्टॉप वेंडर्स ठेका लेने के बाद मनमानी करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि सरकार इन पर एक्शन क्यों नहीं लेती?

Legal action का अधिकार

  • Consumer Protection Act, 2019: यदि कोई विक्रेता MRP से ज्यादा चार्ज करता है, तो इसे unfair trade practice माना जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
  • Legal Metrology Act, 2009 – Section 21: MRP से ज्यादा चार्ज करने पर ₹25,000 से ₹1,00,000 तक जुर्माना और बार-बार ऐसा करने पर दुकान का लाइसेंस रद्द हो सकता है।
  • Indian Railways Act, 1989 – Section 113 के तहत रेलवे की जिम्मेदारी है कि स्टेशनों पर यात्रियों को सही दाम पर सामान मिलना चाहिए। Section 144 के तहत unauthorized overcharging करने वाले दुकानदारों पर ₹50,000 से ₹2 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

139 हेल्पलाइन पर कॉल करें

यदि आप ट्रेन में ट्रेवल कर रहे हैं, और आपको रेलवे स्टाफ एमआरपी से ₹5 या उससे ज्यादा कीमत पर कोई चीज़ बेच रहा है, तो तुरंत Railway में इसकी Complaint करने के लिए 139 हेल्पलाइन पर कॉल करें। इसके अलावा आप Consumer Complaint Portal पर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आपको National Consumer Helpline – 1800-11-4000 या ई-दाखिल पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। इससे भी बढ़िया ऑप्शन बताएं, तो Twitter यानी X पर Ministry of Railways और IRCTC को टैग करें, आपकी शिकायत पर सबसे जल्दी एक्शन लिया जाएगा।

क्या इसका कोई solution है?

वेंडर्स को प्रॉपर मॉनीटर किया जाए। automatic penalty system बनाया जाए, ताकि ओवरचार्जिंग होने पर वेंडर पर तुरंत जुर्माना लगे। इसके अलावा जब हर कहीं डिजिटल पेमेंट्स को प्रोमोट करने की बात हो रही है, तो यहाँ भी प्रीपेड डिजिटल पेमेंट सिस्टम शुरू किया जा सकता है, ताकि सभी ट्रांसेक्शन्स ट्रैक किए जा सकें। जब भी आप सफर करें, सतर्क रहें। यदि कोई विक्रेता MRP से अधिक चार्ज करता है, तो तुरंत शिकायत करें। यह केवल ₹5 का मामला नहीं है, बल्कि एक व्यापक भ्रष्टाचार का हिस्सा है।

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